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मुस्लिम विद्वानों से मिलकर अल्पसंख्यक समुदाय के 'मन की बात' जानेंगे राहुल गांधी

अगले 8-10 महीनों में होने वाले लोकसभा चुनाव और इसी साल 3 राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी तैयारी शुरू कर दी है।

Updated on: 11 Jul 2018, 03:51 PM

नई दिल्ली:

अगले 8-10 महीनों में होने वाले लोकसभा चुनाव और इसी साल 3 राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी तैयारी शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में आज राहुल गांधी मुस्लिम बुद्धिजीवियों और विद्वानों से मुलाकात करने जा रहे हैं।

राहुल गांधी की कोशिश है कि मुस्लिम उदारवादी लोगों से मिलकर आने वाले चुनाव में ध्रुवीकरण की राजनीति को रोका जाए।

राहुल गांधी की इस बैठक का आयोजन कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ने किया है। बैठक में कांग्रेस के नेताओं के बजाय उदारवादी बुद्धिजीवी और विद्वान मुसलमानों को बुलाया गया है। इस बैठक में 15 लोगों का डेलीगेशन हिस्सा लेगा जिसमें जोया हसन, शबनम हाशमी ZK फैजान, सैयद हामिद, सहित कई मुस्लिम सोशल वर्कर होंगे।

इस बैठक के बाद भी राहुल गांधी मुस्लिम विद्वानों से मिलते रहेंगे। दूसरे चरण की मुलाकात के लिए जाने माने लेखक जावेद, अख्तर शबाना, आजमी मुनव्वर हसन के अलावा कई वरिष्ठ पत्रकारों को निमंत्रण भेजा गया है।

दरअसल एंटोनी कमेटी की रिपोर्ट कहां गया था कि 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रो मुस्लिम छवि की वजह से कांग्रेस को काफी नुकसान पहुंचा था। लिहाजा आज के दौर में कांग्रेस ऐसा कोई संदेश नहीं देना चाहती है जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ध्रुवीकरण की राजनीति कर सके। इसलिए राहुल गांधी ने मुस्लिम समाज से उन चेहरों को बुलाया है जिनका समाज में सेक्यूलर इमेज है और वह समाज पर गहरा प्रभाव डालते हैं।

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इस बैठक को लेकर न्यूज़ नेशन ने कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत से बात की। अशोक गहलोत ने कहा, 'कांग्रेस एक सेक्यूलर पार्टी है यहां पर सभी धर्मों को तरजीह दी जाती है राहुल गांधी की कोशिश है कि सबको साथ लेकर एक बेहतर हिंदुस्तान बनाया जाए जहां पर सबकी भागीदारी हो'

आने वाले दिनों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिनको लेकर कांग्रेस ने अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी है। कुछ दिनों पहले राहुल गांधी ने दलित समाज और पिछड़ा वर्ग के नेताओं से मुलाकात भी की है लेकिन अब राहुल गांधी 2014 की गलती आज के दौर दोहराना नहीं चाहते हैं।

मसलन राहुल गांधी अपनी मुलाकात के दौरान मुस्लिम समाज के पढ़े-लिखे लोगों के विचारों को जानेंगे और बकायदा एक रिपोर्ट बनाया जाएगा। इसके बाद कांग्रेस की रणनीति बनाने वाली समित रिपोर्ट की समीक्षा करेगी।

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