रोजगार को लेकर राहुल गांधी के दावे कितने सच्चे, इन प्वाइंट से समझे
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चार दिवसीय यूरोप दौरे पर हैं। इस दौरान उनके निशाने पर मोदी सरकार है। लंदन में शुक्रवार को राहुल गांधी ने रोजगार को लेकर मोदी सरकार पर वार किया।
नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चार दिवसीय यूरोप दौरे पर हैं। इस दौरान उनके निशाने पर मोदी सरकार है। लंदन में शुक्रवार को राहुल गांधी ने रोजगार को लेकर मोदी सरकार पर वार करते हुए कहा, 'भारत में रोजगार और नौकरियों का जबरदस्त संकट है, चीन जहां एक दिन में 50,000 नौकरियों का सृजन करता है, वहीं भारत इतने वक्त में महज 450 नौकरियां दे पाता है।'
राहुल गांधी का रोजगार को लेकर दिए गए बयान में कितनी सच्चाई है या फिर ये महज सियासी गुफ्तगू आइए समझते हैं।
देश की अन्य ताज़ा खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें... https://www.newsnationtv.com/india-news
प्रधानमंत्री बनने से पहले आम चुनाव में नरेंद्र मोदी ने देश में हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था।
- श्रम मंत्रालय के आंकड़ों मुताबिक साल 2015 में महज 1.35 लाख नौकरियां पैदा की गई जो पिछले सात सालों का सबसे निचला स्तर है।
- साल 2014 में यह आंकड़ा 4.93 लाख था। जबकि साल 2016 में इसमें कुछ गिरावट आई और यह आंकड़ा 2.31 लाख नौकरियां का रहा गया।
- मोदी सरकार के तीनों साल के आंकड़ों को जोड़ दिया जाए तो अब तक सिर्फ और सिर्फ 9 लाख 97 हजार नौकरियां दी हैं।
- वहीं, केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) की रिपोर्ट के अनुसार सितंबर 2017 से जून 2018 के बीच 1.2 करोड़ रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। इसमें सबसे अधिक इस साल मई में 13 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले हैं।
बता दें कि सीएसओ की रोजगार परिदृश्य रिपोर्ट कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ईएसआईसी) तथा एनपीएस के पास नए सदस्यों के नामांकन पर आधारित होता है।
इधर, पीएम मोदी का कहना है कि देश में लगातार रोजगार का सृजन हो रहा है। मीडिया में दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा था कि ईपीएफ के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2017 से अप्रैल 2018 के बीच 41 लाख नौकरियां पैदा हुईं। यानी 8 महीनों में संगठित क्षेत्र में 41 लाख नौकरियां पैदा हुई। जबकि संगठित और असंगठित क्षेत्रों को मिलाकर पिछले साल 70 लाख नौकरियां पैदा हुईं।
वहीं पीएम मोदी सरकार ने नौकरी दिलवाने के नाम पर नेशनल करियर सर्विस पोर्टल लॉन्च किया था। ढाई सालों में पोर्टल पर करीब 4 करोड़ बेरोजगारों ने नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन किया। NCS पोर्टल में सरकार ने सौ करोड़ रुपये का निवेश भी किया। जुलाई 2015 में शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक सिर्फ 8 लाख नौकरियां ही निकाली गई हैं।
साल 2016-17 में देश की टॉप कंपनियों में नए कर्मचारियों की संख्या घटकर 66,000 पर आ गई, जबकि 2015-16 में इनकी संख्या एक लाख 23 हजार थी।
अगर कांग्रेस सरकार में रोजगार की बात करें तो यूपीए-2 के शुरू दो साल में 2009 और 2010 में 10.06 और 8.65 लाख नए रोजगार सृजित हुए थे। यदि इसकी तुलना 2015 और 2016 से की जाए तो मोदी राज के इन दो सालों में तकरीबन 74 फीसदी रोजगार के अवसर कम हो हुए।
हालांकि अब मोदी सरकार की ओर से रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। लेकिन अभी भी किए गए वादे से इसकी संख्या बेहद ही कम है।
और पढ़ें : राहुल के भीतर बीजेपी, आरएसएस, मोदी के खिलाफ घृणा: संबित पात्रा
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी