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राहुल गांधी से मिले शरद पवार, 2019 के लिए विपक्षी एकता बनाने की पुरजोर कोशिश

दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। शरद पवार ने सोनिया गांधी से भी मुलाकात की।

Updated on: 14 Jun 2018, 10:50 AM

highlights

  • राजनाथ सिंह ने भी बीजेपी और आरएसएस के नेताओं के साथ मीटिंग की
  • राहुल और पवार ने 2019 को लेकर विपक्षी एकजुटता पर 45 मिनट तक बातचीत की
  • उपचुनाव में जीत दर्ज करने के बाद शरद पवार विपक्ष को एकजुट करने पर दे रहे हैं जोर

नई दिल्ली:

देश की राजनीतिक पार्टियां 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह जुट चुकी है। इसी के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आरएसएस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग की।

वहीं दूसरी तरफ सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। शरद पवार ने सोनिया गांधी से भी मुलाकात की।

राहुल और पवार ने 2019 को लेकर विपक्षी एकजुटता और रणनीतियों पर बातचीत की है। दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट की बातचीत चली।

सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार ने राहुल गांधी को आगामी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों पर केंद्रित होकर जीत हासिल करने को कहा है।

गौरतलब है कि हाल ही में 4 लोकसभा और 10 विधानसभा उपचुनावों में विपक्षी एकता को मिली जीत के बाद शरद पवार कई बार विपक्षी पार्टियों को एकजुट होने को कह चुके हैं।

शरद पवार ने कहा था 'मैं खुश हूं कि बीजेपी को हराने के लिए सभी विपक्षी पार्टियां साथ आ रही हैं। हम देश में लोकतंत्र को बहाल करना चाहते हैं। मैं विपक्षी एकजुटता के विचार का समर्थन करता हूं।'

उन्होंने कहा था कि उन्हें मौजूदा स्थिति साल 1977 के जैसी लग रही है जब इंदिरा गांधी को विपक्षी पार्टियां की एकजुटता के कारण सत्ता से बाहर होना पड़ा था।

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पवार ने कहा था कि अपने क्षेत्र में मजबूत आधार वाली गैर एनडीए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों को एक समान विचार के साथ एकजुट होना चाहिए।

बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव के लिए जहां बीजेपी देश भर में 'संपर्क फॉर समर्थन' अभियान चलाकर लोगों को फिर से साधने की कोशिश कर रही है वहीं विपक्षी पार्टियां अलग-अलग राज्यों में बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

2019 चुनाव को लेकर सोमवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कहा कि बीएसपी के साथ हमारा गठबंधन है और यह 2019 के चुनाव में भी जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए अगर दो-चार सीटों का बलिदान भी करना पड़ा तो हम पीछे नहीं हटेंगे।

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