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जल्लीकट्टू के समर्थन में उतरे ए आर रहमान और श्री श्री रविशंकर

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के समर्थन में जारी व्यापक विरोध-प्रदर्शन के बीच राज्य के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात इसके पक्ष में अध्यादेश जारी करने किए जाने की मांग की है।

Updated on: 19 Jan 2017, 06:43 PM

highlights

  • जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध के बाद तमिलनाडु में तेज हुआ विरोध प्रदर्शन
  • तमिलनाडु सीएम ने पीएम से मिलकर अध्यादेश लाए जाने की मांग की

New Delhi:

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के समर्थन में जारी व्यापक विरोध-प्रदर्शन के बीच राज्य के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात इसके पक्ष में अध्यादेश जारी करने किए जाने की मांग की है।

इस बीच तमिलनाडु में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गया है। चेन्नई के मरीना बीच पर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी जल्लीकट्टू के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने मामले को न्यायालय में विचाराधीन बताते हुए कोई राहत दिए जाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। जल्लीकट्टू के पक्ष में समर्थन देने वालों लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है। 

तमिल सुपरस्टार रजनीकांत के समर्थन के बाद अब शतरंज के पांच बार विश्व चैंपियन रहे विश्वनाथन आनंद ने भी इसे अपना समर्थन दिया है। आनंद ने कहा, 'जल्लीकट्टू एक सांस्कृतिक प्रतीक है।' 

आनंद के अलावा मशहूर संगीतकार ए आर रहमान भी जल्लीकट्टू के समर्थन में उतर आए हैं। रहमान ने कहा, 'मैं तमिलनाडू की भावना का ख्याल रखते हुए कल उपवास कर रहा हूं।'

वहीं आध्यात्मिक गुरू रविशंकर ने भी जल्लीकट्टू का समर्थन किया है। रविशंकर ने लोगों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए इसका समर्थन किया है।

पन्नीरसेल्वम ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान तमिलनाडु के हालात की जानकारी दी। इस दौरान राज्य में सूखे की स्थिति पर भी चर्चा की गई।

प्रधानमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के अनुसार, 'तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध को लेकर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने जहां जल्लीकट्टू के सांस्कृतिक महत्व को सराहा, वहीं मामले को न्यायालय में विचाराधीन बताया।'

पीएमओ की तरफ से जारी दूसरे ट्वीट में कहा गया है, 'केंद्र सरकार इस दिशा में राज्य सरकार के कदमों का समर्थन करेगी।' वहीं, प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद पन्नीरसेल्वम ने यहां संवाददाताओं को बताया कि इस दिशा में कदम जल्द उठाए जाएंगे।

उन्होंने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री से जल्लीकट्टू के आयोजन को अनुमति देने के लिए अध्यादेश लाने का अनुरोध किया है। सरकार जल्लीकट्ट के आयोजन के लिए केंद्र सरकार से मिलकर जल्द जरूरी कदम उठाएगी। यह जल्द होगा।'

पन्नीरसेल्वम के अनुसार, 'प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार जलीकट्टू पर राज्य सरकार के फैसले का समर्थन करेगी। इससे संबंधित एक मामला अभी अदालत में लंबित है।'

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने और एआईएडीएमके प्रमुख शशिकला ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। तमिलनाडु में जल्लीकट्ट के आयोजन पर सर्वोच्च न्यायालय ने मई 2014 में प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद से ही लोग केंद्र सरकार से जल्लीकट्ट के आयोजन की अनुमति के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

राज्य में जल्लीकट्टू के समर्थन में प्रदर्शन की शुरुआत सोमवार को हुई थी, जिसके बाद कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद विरोध-प्रदर्शन और भड़क गया। मरीना बीच पर हजारों की तादाद में युवक-युवतियां गुरुवार को भी प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं।

लोग जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध को तमिलनाडु की संस्कृति का अपमान बता रहे हैं। इसके लिए पशु अधिकार संगठन पीपुल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) भी उनके निशाने पर हैं। प्रधानमंत्री ने पन्नीरसेल्वम को आश्वासन दिया कि सूखे की स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार को हरसंभव सहायता मुहैया कराई जाएगी।

पन्नीरसेल्वम ने कहा कि राज्य सरकार ने सूखे की स्थिति से निपटने के लिए 39,565 करोड़ रुपये की राहत राशि की मांग की है। मोदी ने मुख्यमंत्री से कहा, 'एक केंद्रीय दल जल्द ही तमिलनाडु भेजा जाएगा।'