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राष्ट्रपति कोविंद ने POCSO एक्ट के अध्यादेश पर लगाई मुहर, मासूमों से रेप पर मिलेगी सजा-ए-मौत

केंद्र सरकार की ओर से लाये गए पोक्सो एक्ट के अध्यादेश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुहर लगा दी है।

Updated on: 22 Apr 2018, 12:26 PM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार की ओर से लाये गए पोक्सो एक्ट के अध्यादेश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुहर लगा दी है।

नए अध्यादेश के मुताबिक 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की स्थिति में दोषियों को पूरी जिंदगी जेल की सजा या मृत्युदंड का प्रावधान है।

वहीं 16 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म पर दोषी को पूरी जिंदगी जेल में गुजारनी होगी। 

महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने पर सजा को सश्रम कारावास के साथ सात वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष कर दिया गया है और जिसे बढ़ाकर आजीवन कारावास में बदला जा सकता है।

अध्यादेश में 16 वर्ष की उम्र से कम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने पर न्यूनतम सजा को 10 वर्ष से बढ़ाकर 20 वर्ष कर दिया गया है, जिसे बढ़ाकर आजीवन कारावास में बदला जा सकता है, जिसका मतलब है दोषी को जिंदगी भर जेल में रहना होगा।

अध्यादेश के अनुसार, 16 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में जमानत याचिका पर निर्णय करने से पहले अभियोजन पक्ष और पीड़िता के वकील को 15 दिन पहले नोटिस देना होगा।

नाबालिगों से रेप की बढ़ती घटनाओं पर सख्ती बरतते हुए केंद्र सरकार ने कल प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (पॉक्सो एक्ट ) में संशोधन के लिए अध्यादेश पर मुहर लगाई। 

आपको बता दें मौजूदा पॉक्सो कानून के अनुसार बलात्कार के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद है और न्यूनतम सजा सात साल की कैद है।

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