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PNB घोटालाः बैंक के MD ने कहा- फ्रॉड करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

पीएनबी में 11,300 करोड़ रुपये को लेकर हुए फ्रॉड केस मामले को लेकर एमडी ने कहा कि फर्जीवाड़े की रकम वसूलने का काम शुरू हो चुका है।

Updated on: 15 Feb 2018, 05:01 PM

नई दिल्ली:

देश में सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में घपला उजागर होने पर गुरुवार को बैंक के प्रबंध निदेशक सुनील मेहता ने कहा कि धोखाधड़ी के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

उन्होंने बताया कि कुछ अधिकारियों को इस मामले में निलंबित किया गया है और अभी जांच चल रही है।

पीएनबी की मुंबई स्थित एक शाखा से अवैध तरीके से 11,515 करोड़ रुपये का लेन-देन सामने आने के बाद सुनील मेहता ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि बैंक किसी भी समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है।

उन्होंने कहा कि गलत तरीके से लेटर्स ऑफ अंडरटेंकिंग (एलओयू) जारी कर घपला किया गया और कोई ट्रांजैक्शन केंद्रीकृत बैंकि ग प्रणाली से नहीं हुआ। इसमें बैंक के जूनियर अफसर शामिल हैं। धोखाधड़ी के इस मामले में विदेसी करेंसी खाते में पैसे भेजे गए थे। 

उन्होंने कहा, 'बैंक इस फर्जीवाड़े के दोषियों को पकड़ने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए अपनी पूरी क्षमता लगा रहा है।'

फ्रॉड केस मामले को लेकर एमडी सुनील मेहता ने कहा कि फर्जीवाड़े की रकम वसूलने का काम शुरू हो चुका है। उन्होंने बताया कि आरोपी की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरु हो गई है।

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सुनील मेहता ने कहा, 'बैंक इस मामले निपटने में पूरी तरह सक्षम है।'

उन्होंने कहा, 'बैंक गलत करनेवालों पर कार्रवाई के लिए पूरी क्षमता से काम कर रहा है। 2011 से हो रहे इस फर्जीवाड़े के बारे में पहले हमारे बैंक ने ही कानून लागू करनेवाली एजेंसियों को बताया था।'

पीएनबी के एमडी ने कहा कि 123 वर्ष पुराना बैंक है, जिसकी स्‍थापना लाला लाजपत राय ने की थी। उन्‍होंने कहा कि यह बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा राष्‍ट्रीयकृत बैंक है।

उन्‍होंने कहा कि इस मामले की जानकारी जनवरी के तीसरे सप्‍ताह में मिली और 29 जनवरी को इसकी जानकारी सीबीआई को दी गई और 30 जनवरी को इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एमडी ने कहा कि नीरव मोदी को भारत लाने की पूरी कोशिश की जाएगी।

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