इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के शुभारंभ पर पीएम मोदी का कांग्रेस पर निशाना, कहा पहले लोन के लिए जाता था नामदारों का फोन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) का शुभारंभ कर दिया।
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) का शुभारंभ कर दिया। आईपीपीबी की देश भर में 650 ब्रांच और 3250 एक्सेस प्वाइंट (पहुंच केन्द्र/कार्यकलाप केन्द्र) हैं, जहां समानांतर रूप से शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित किए गए। अब देश भर में सभी 1.55 लाख डाकघर 31 दिसंबर, 2018 तक आईपीपीबी प्रणाली से जुड़ जाएंगे।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के शुभारंभ के बाद लोन डिफाल्टरों को लेकर पूर्व के यूपीए सरकार और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'जिस दिन बढ़े धन्ना सेठ को लोन चाहिए होता था वो नामदारों से फोन करा देता था। सरकार ने ऐसे 14 बड़े लोन डिफाल्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है जिन्हें साल 2014 से पहले लोन दिया गया था। उन्होंने कहा मैं देश के लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारी सरकार के कार्यकाल के दौरान किसी को भी बहुत बड़ा लोन नहीं दिया गया है।'
पीएम मोदी ने कांग्रेस का आड़े हाथों लेते हुए कहा, 'सरकार बनने के कुछ समय बाद ही हमें एहसास हो गया था कि कांग्रेस देश की अर्थव्यवस्था को एक लैंडमाइन पर बिठाकर गयी' है।
उन्होंने कहा, 'जिनको लग रहा था कि नामदार परिवार की सहभागिता और मेहरबानी से उनको मिले लाखों-करोड़ रुपए हमेशा-हमेशा के लिए उनके पास रहेंगे, हमेशा इनकमिंग ही रहेगी, अब उनके खाते से आउटगोइंग भी शुरू हो चुकी है।'
इतना ही नहीं लोन डिफाल्टर को लेकर पीएम मोदी ने कहा, '12 बड़े डिफाल्टर हैं जिनको 2014 के पहले लोन दिया था, जिसके NPA की राशि करीब पौने 2 लाख करोड़ रुपये हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई और उसके नतीजे आज दिख भी रहे हैं। आजादी के बाद से लेकर साल 2008 तक देश के बैंकों ने 18 लाख करोड़ रुपए ही लोन पर दिये थे, लेकिन 2008 के बाद के 6 सालों में ये राशि बढ़कर 52 लाख करोड़ रुपए हो गई, यानि जितना लोन बैंकों ने आजादी के बाद दिया था उसका दोगुना लोन पिछली सरकार के 6 साल में बांट दिया।'
ग्रामीण लोगों को इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक से होगा खासतौर पर फायदा
आईपीपीबी को आम आदमी के लिए एक सुगम, किफायती और भरोसेमंद बैंक के रूप में स्थापित करने की कोशिश की जा रही है, ताकि केन्द्र सरकार के वित्तीय समावेश उद्देश्यों को तेजी से पूरा करने में मदद मिल सके।
देश के हर कोने में फैले डाक विभाग के 3,00,000 से अधिक डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों के विशाल नेटवर्क से इसे काफी लाभ मिलेगा। इसलिए आईपीपीबी भारत में लोगों तक बैंकों की पहुंच बढ़ाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाएगा।
आईपीपीबी बचत और चालू खातों, धन हस्तांतरण, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, बिल और उपयोगिता भुगतान और उद्यम एवं वाणिज्यिक भुगतान जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।
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इन सुविधाओं एवं इससे जुड़ी अन्य संबंधित सेवाओं को बैंक के अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए बहु-विकल्प माध्यमों (काउंटर सेवाएं, माइक्रो-एटीएम, मोबाइल बैंकिंग एप, एसएमएस और आईवीआर) के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा।
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