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राहुल गांधी ने कहा- मोदी रिश्ते बनाते हैं, फिर चुनाव खत्म होते ही भूल जाते हैं

राहुल गांधी ने कहा, 'जब मोदी किसी चीज से डरते हैं तो नफरत फैलाना शुरू कर देते हैं। लोगों को आपस में लड़ाने लगते हैं।'

Updated on: 21 Feb 2017, 09:11 AM

highlights

  • राहुल गांधी ने कहा- जब मोदी किसी चीज से डरते हैं तो नफरत फैलाना शुरू कर देते हैं
  • मोदी जी अगर आप किसान का कर्जा माफ करना चाहते हो तो कैबिनेट मीटिंग बुलाओ: राहुल

नई दिल्ली:

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में हार के एहसास से बेचैन हो गए हैं। जब वह किसी बात से डरते हैं, तो नफरत फैलाने लगते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी चुनाव के दौरान रिश्ते बनाते हैं फिर चुनाव खत्म होते ही भूल जाते हैं।

बांदा में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'पहले मोदी का मूड अच्छा था, लेकिन जिस दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हुआ, उनकी मुस्कान कहीं चली गई। मोदी जी चुनाव के दौरान संबंध बनाते हैं, फिर जैसे ही चुनाव खत्म हो जाते हैं, वह भूल जाते हैं।'

मोदी के कब्रिस्तान और मशान के बयान पर राहुल गांधी ने कहा, 'जब मोदी किसी चीज से डरते हैं तो नफरत फैलाना शुरू कर देते हैं। लोगों को आपस में लड़ाने लगते हैं।'

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राहुल ने कहा, 'हमने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर किसानों का कर्ज माफ करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने एक शब्द नहीं बोला। अब वह कह रहे हैं कि भाजपा उत्तर प्रदेश में सत्ता में आएगी तो कर्ज माफ कर दिया जाएगा। मोदी जी अगर आप किसान का कर्जा माफ करना चाहते हो तो कैबिनेट मीटिंग बुलाओ और पांच मिनट में कर्ज माफ करो पर आपकी नीयत साफ नहीं है।'

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उन्होंने कहा, 'उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने का वादा किया था, लेकिन चुनाव हारने के बाद पीछे हट गए। अब वह बिहार के विकास की बात नहीं करते हैं। 2014 में मोदी ने कहा मां गंगा ने उन्हें वाराणसी में बुलाया है।'

राहुल ने कहा, 'मोदी जी ने गंगा को अपनी मां कहा, लेकिन अपनी मां और वाराणसी से किए वायदों को पूरा नहीं किया। उत्तर प्रदेश का किसान कर्ज माफी चाहता है। प्रधानमंत्री उद्योगपतियों का एक लाख 40 हजार करोड़ का कर्ज माफ कर देते हैं, जिसमें विजय माल्या का 12 हजार करोड़ रुपये भी शामिल है, लेकिन किसानों को कुछ नहीं देते।'

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