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पीएम मोदी ने कहा भारत की तरफ से छोड़े जाने वाले उपग्रह से दक्षिणी एशियाई देशों में होगी तरक्की

प्रधानमंत्री ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा, 'इस उपग्रह की क्षमता और इससे मिलने वाली सुविधाओं से दक्षिण एशिया की आर्थिक और विकास संबंधी जरूरतें पूरी होंगी

Updated on: 30 Apr 2017, 06:12 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत की तरफ से पांच मई को छोड़ा जाने वाला दक्षिण एशियाई उपग्रह इस पूरे क्षेत्र की आर्थिक और विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा, 'इस उपग्रह की क्षमता और इससे मिलने वाली सुविधाओं से दक्षिण एशिया की आर्थिक और विकास संबंधी जरूरतें पूरी होंगी।'

मोदी ने कहा, 'प्राकृतिक संसाधनों का खाका बनाने, टेली मेडिसिन, शिक्षा क्षेत्र, आईटी से लेकर लोगों से लोगों का संपर्क बढ़ाने तक यह उपग्रह पूरे क्षेत्र के लिए एक वरदान साबित होगा।'

उन्होंने कहा, 'यह पूरे दक्षिण एशिया के साथ सहयोग बढ़ाने की दिशा में भारत का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह एक बेशकीमती तोहफा है। यह दक्षिण एशिया के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का एक सटीक उदाहरण है। मैं हमारे साथ मिलकर दक्षिण एशियाई उपग्रह बनाने में साथ देने वाले सभी दक्षिण एशियाई देशों का स्वागत करता हूं।'

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यह संचार उपग्रह जीसैट-9 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के रॉकेट भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी-एफ09) के जरिए छोड़ा जाएगा। पाकिस्तान को छोड़कर सभी दक्षिण एशियाई देश इस परियोजना का हिस्सा हैं।

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