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VIDEO: पीएम मोदी का आह्वान, न्यू इंडिया में हो समानता, भ्रष्टाचार और आतंकवाद न रहे

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र को हमने चुनाव तक सीमित कर दिया है। उन्होंने कहा, 'न्यू इंडिया में तंत्र से लोक नहीं, लोगों से तंत्र चले ऐसा लोकतंत्र बनाया जाना चाहिये।'

Updated on: 15 Aug 2017, 10:14 AM

नई दिल्ली:

देश के 71वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिये अपने भाषण में कहा कि एक नया भारत बनाना है। उन्होने कहा कि देश में परिवर्तन हो रहा है और हम एक नया भारत बनाएंगे जहां समानता हो और गरीबों के पास घर हो और किसान खुशहाल हो।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र को हमने चुनाव तक सीमित कर दिया है। उन्होंने कहा, 'न्यू इंडिया में तंत्र से लोक नहीं, लोगों से तंत्र चले ऐसा लोकतंत्र बनाया जाना चाहिये।'

उन्होंने कहा, 'स्वराज जन्मसिद्ध अधिकार है, लोकमान्य तिलक ने कहा था। नए इंडिया में सुराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है नारा होना चाहिए। स्वराज से सुराज की ओर बढ़ना चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'नोटबंदी के फैसले में सवा सौ करोड़ देशवासियों ने धैर्य दिखाया, विश्वास जताया। आज भ्रष्टाचार पर नकेल लगाने में हम सफल हो रहे हैं।'

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प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम एक ऐसा भारत बनाएंगे जहां गरीबों के पास घर हो और उसे बिजली और पानी मिल सके। एक ऐसा भारत जहां किसान शांति और चिंतामुक्त हो और उसकी आय 2022 तक दोगुनी हो जाए।'

नए भारत की कल्पना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, 'एक ऐसा भारत, जहां लड़कियों और युवा महिलाओं को हर क्षेत्र में मौका मिले। एक ऐसा भारत जो आतंकवाद, भ्रष्टाचार, वंशवाद की राजनीति और जातिवाद से मुक्त हो।'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'एक ऐसा भारत जो स्वच्छ और स्वस्थ्य हो। चलिये हम विकास के रास्ते पर आगे बढ़ें।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के समय भारत छोड़ों का नारा था। लेकिन अब भारत जोड़ो का नारा है।

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उन्होंने कहा 2018 देश के लिये ऐतिहासिक होगा, जो बच्चे इस सदी में पैदा हुए हैं वो 2018 में 18 साल के हो जाएंगे ऐर देश के भाग्य विधाता बनेंगे।

उन्होंने कहा, 'हम पहले से जिस निराशा से पले बढ़े हैं, उसे हमें छोडना होगा, सब चलता को हमें छोड़ना होगा। चलता है वाली संस्कृति हमें छोड़नी होगी।

सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपने भाषण में 'न्यू इंडिया' को भेदभाव विहीन बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा समाज होना चाहिए, जो भविष्य की ओर तेजी से बढ़ने के साथ-साथ संवेदनशील भी हो, जिसमें कोई भेदभाव न हो। उन्होंने कहा कि 'न्यू इंडिया' समग्र मानवतावादी मूल्यों को समाहित करे, क्योंकि यही मानवीय मूल्य देश की संस्कृति की पहचान हैं।

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