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यूपी फतह के बाद गुजरात पर पीएम मोदी की नजर, बीजेपी सांसदों के साथ की चाय पर चर्चा

गुजरात विधानसभा चुनाव में भले ही अभी समय हो लेकिन सभी राजनीतिक दलों ने अभी से कमर कस ली है। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के बीजेपी सांसदों के साथ चाय पर चर्चा की।

Updated on: 24 Mar 2017, 06:06 PM

highlights

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के बीजेपी सांसदों के साथ की चाय पर चर्चा
  • गुजरात में इसी साल नवंबर में है विधानसभा चुनाव
  • बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकती है कांग्रेस और आम आदमी पार्टी

नई दिल्ली:

गुजरात विधानसभा चुनाव में भले ही अभी समय हो लेकिन सभी राजनीतिक दलों ने अभी से कमर कसनी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाने के बाद अब गुजरात के चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने गुजरात के सांसदों के साथ राज्य की स्थिति के बारे में चाय पर चर्चा की।

पीएम के दिल्ली स्थित आवास 7 लोक कल्याण मार्ग में सुबह सभी सांसद पहुंचे। जहां उन्होंने चुनाव और सरकार के कामकाज को लेकर चर्चा की।  सभी सांसदों से PM ने कहा, 'अपने इलाके में जायें और विकास के कार्यों को आगे बढ़ायें।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही उत्तर प्रदेश के सांसद हों लेकिन गुजरात उनका गृह प्रदेश है। वो राज्य के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वहां के सीएम रहते हुए ही उन्होंने देश की बागडोर प्रधानमंत्री के तौर पर संभाला है।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के सभी बीजेपी सांसदों के साथ बैठक की थी। बैठक में यूपी में बनी बीजेपी की नई सरकार ठीक तरह से काम करे और किस तरह नई सरकार को सहयोग किया जाए इसे लेकर पीएम ने सांसदों को कई मंत्र दिए।

आपको बता दें की गुजरात में इसी साल नवंबर में चुनाव है। प्रदेश में बीजेपी 15 सालों से सत्ता में है। गुजरात पीएम मोदी का गृह राज्य होने के नाते बीजेपी के लिए इस बार के चुनाव में भी जीत अहम माना जा रहा है। 

उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री ने अंतिम दो चरणों में बनारस में रोड शो किया था जिसका असर ये हुआ कि पूर्वांचल में बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें आईं। प्रधानमंत्री ने यूपी में सांसदों को चुनाव में लगाया गया था और गुजरात के चुनावों मं भी राज्य के सांसदों को भी चुनाव कार्य में लगाया जा सकता है।    

राज्य में अभी तक कांग्रेस और बीजेपी में टक्कर होती थी। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनाव मैदान में आ गई है। इसके अलावा हार्दिक पटेल ने पटेलों के लिये आरक्षण की मांग की है। जिसके कारण पटेल समुदाय बीजेपी से नाराज है।

 

पटेल समुदाय को ही खुश करने के लिये राज्य में आनंदीबेन पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया था लेकिन राज्य में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिये आनंदीबेन को हटाकर विजय रुपानी को मुख्यमंत्री बनाया गया। साथ ही में नितिन पटेल को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।

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