logo-image

जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद 35A पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ कर सकती है सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिए हैं कि वो जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के विशेष अधिकारों से संबंधित अनुच्छेद 35A पर सुनवाई कर सकती है।

Updated on: 14 Aug 2017, 05:26 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिए हैं कि वो जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के विशेष अधिकारों से संबंधित अनुच्छेद 35A पर सुनवाई कर सकती है। कोर्ट देखेगी कि इसके तहत मिलने वाले अधिकार क्या संविधान के दायरे में हैं या प्रक्रिया में किसी तरह की खामी है।

इस अनुच्छेद को चुनौती देने वाली याचिका पर पांच सदस्यीय संविधान बेंच सुनवाई कर सकती है।

जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस ए.एम. खानविलकर की खंडपीठ ने ऐसी दूसरी याचिकाओं के साथ ही इस पर सुनवाई करेगी।

बेंच ने कहा है, 'अगर इस विषय पर पांच जजों की संविधान पीठ से सुनवाई की आवश्यकता महसूस की गई तो तीन जजों वाली पीठ इसे उसके पास भेज सकती है।'

जम्मू-कश्मीर के वकील ने कहा कि 2002 में राज्य की हाई कोर्ट ने इस संबंध में सुनवाई कर अपना फैसला दे चुकी है और मामला 'प्रथम द्रष्ट्या सुलझा' लिया गया है।

चारू वाली खन्ना की जम्मू-कश्मीर के संविधान की अनुच्छेद 35ए और अपधारा 6 के खिलाफ याचिका दायर की थी। ये धाराएं वहां के स्थायी निवासियों के संबंध में है।

और पढ़ें: उमर अब्दुल्ला का BJP पर निशाना, कहा- 35A को जम्मू Vs कश्मीर का मुद्दा बनाकर भरमाया जा रहा है

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में राज्य संविधान के उन प्रावधानों को चुनौती दी गयी है जो जम्मू-कश्मीर से बाहर शादी करने वाली महिला को संपत्ति के अधिकार से वंचित कर देता है। ऐसे में उस महिला के बच्चे को भी संपत्ति में अधिकार नहीं मिलता है।

और पढ़ें: जेडीयू ने शरद यादव के करीबी रमई राम समेत 21 नेताओं को पार्टी से निकाला