संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक चलेगा: CCPA
संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरु होकर पांच जनवरी तक चलेगा। इससे पहले सत्र शुरु करने में देर करने को लेकर विपक्षी दल सरकार पर लगातार आरोप लगा रहे थे।
highlights
- संसद का शीतकालीन सत्र इस बार 15 दिसंबर से लेकर 5 जनवरी 2018 तक चलेगा
- शीतकालीन सत्र को बुलाए जाने में हो रही देरी को लेकर कांग्रेस ने साधा था निशाना
नई दिल्ली:
गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय मामलों की समिति (सीसीपीए) ने संसद के शीतकालीन सत्र की तारीखों का ऐलान कर दिया है।
संसद का शीतकालीन सत्र इस बार 15 दिसंबर से लेकर 5 जनवरी 2018 तक चलेगा। इससे पहले सत्र शुरु करने में देर करने को लेकर विपक्षी दल सरकार पर लगातार आरोप लगा रहे थे।
संसदीय कार्यकारी मंत्री अनंत कुमार ने बताया, ' यह सत्र 14 दिन का चलेगा, 25 और 26 दिसंबर को क्रिसमस की छुट्टी रहेगी।' इसके साथ ही उन्होंने राजनीतिक दलों से संसद कार्य को शांति से चलने देने की अपील की है। उन्होंने कहा, 'मैं सभी राजनीतिक दलों से शीतकालीन सत्र को सफल और लाभदायक बनाने की अपील करता हूं। हम उम्मीद करते है कि नए साल की शुरुआत के साथ सभी 14 दिन सांसद उपस्थित रहेंगे।'
I request political parties to cooperate and make the winter session successful and fruitful. We expect that we will have attendance on all 14 days, including the New Year's day: Ananth Kumar, Parliamentary Affairs Minister
— ANI (@ANI) November 24, 2017
बता दें कि सामान्यत: शीत कालीन सत्र 25 दिसंबर से पहले खत्म हो जाता है। हालांकि इस बार सत्र में क्रिसमस पर दो दिन की छुट्टी दी जाएगी। वहीं 1 जनवरी को संसद का कार्य चलेगा। विपक्ष का आरोप है कि गुजरात चुनावों के चलते सरकार ने शीतकालीन सत्र को बुलाने में देरी की है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शीतकालीन सत्र को बुलाए जाने में हो रही देरी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा था।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि मोदी सरकार गुजरात विधानसभा से पहले सवाल-जवाब से बचना चाहती है। उन्होंने चेतावनी दी कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार 'लोकतंत्र के मंदिर को बंद कर' संवैधानिक जवाबदेही से नहीं भाग सकती।
इस सत्र में सरकार के सामने कई बिल को पारित कराने की चुनौती होगी। साथ ही कई बिल पेश किए जा सकते हैं। राज्यसभा में बिल पास करवाने में सरकार को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
इस सत्र में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को संवैधानिक दर्जा दिलाने वाले विधेयक को लोकसभा में फिर से पेश किया जाएगा। सूत्रों ने इस बात की जानकारी गुरुवार को दी थी।
लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान विधेयक को पारित कर दिया गया था लेकिन राज्यसभा ने इसमें कुछ संशोधन किए। दोनों सदनों में इस विधेयक के अलग प्रारूपों को पारित किए जाने के कारण इसे वापस लोकसभा में भेजा जाएगा।
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