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टेरर फंडः एनआईए का खुलासा, पाकिस्तानी उच्चायोग के जरिए हुर्रियत नेताओं को मिलता था पैसा

सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान से मिलने वाली टेरर फंडिंग में हुर्रियत के नेता सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नसीम गिलानी भी फंसते नजर आ रहे हैं।

Updated on: 19 Aug 2017, 09:48 AM

नई दिल्ली:

जम्मू कश्मीर में अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को पाकिस्तानी उच्चायोग फंडिंग कर रहा है। एनआईए के मुताबिक टेरर फंडिंग में उच्चायोग की संलिप्तता उजागर हुई है।

सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान से मिलने वाली टेरर फंडिंग में हुर्रियत के नेता सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नसीम गिलानी भी फंस सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान और दुबई से टेरर फंडिंग के नाम पर नसीम गिलानी को भी रकम मिलती थी।

जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार कश्मीरी कारोबारी जहूर अहमद वटाली को टेरर फंडिंग की रकम दुबई और पाकिस्तान से मिलती थी। उसे यह रकम भारत में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के जरिए मिलती थी।

जांच एजेंसी की मानें तो वटाली के जरिए ही कश्मीर में सक्रिय अलगाववादियों को गड़बड़ी फैलाने के लिए रकम दी जाती थी। वह करीब आठ से नौ प्रतिशत तक कमिशन लेने के बाद हुर्रियत के लोगों को पैसा भेज देता था।

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बताया जा रहा है कि एनआईए की ओर से जल्दी ही कई और लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है। इस बीच शुक्रवार को सुबह दिल्ली की एक अदालत ने जहूर को 10 दिन के लिए एनआईए की रिमांड पर भेज दिया।

बता दें कि पीछले दिनों एनआईए हुर्रियत नेताओं के दिल्ली से लेकर श्रीनगर तक के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। इस दौरान एजेंसी को कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिससे उन पर पाकिस्तान से पैसे हासिल करने के सबूत मिले हैं।

गौरतलब है कि एनआईए ने इस मामले में अलगाववादी नेता शब्बीर शाह को भी अरेस्ट किया है। एनआईए ने गिलानी के दामाद को भी इस मामले में अरेस्ट किया है।

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