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एक राष्ट्र एक चुनाव से लोगों को 5 साल तक कष्ट झेलना पड़ेगा: जयराम रमेश

कई विपक्षी दलों के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार की 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के प्रस्ताव पर सवाल उठाया है।

Updated on: 14 Jul 2018, 11:53 AM

नई दिल्ली:

कई विपक्षी दलों के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार की 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के प्रस्ताव पर सवाल उठाया है।

जयराम रमेश ने शुक्रवार को तंज कसते हुए कहा कि यह प्रस्ताव चुनावों में मिली असफलता का नतीजा है।

कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, 'एक राष्ट्र एक चुनाव का समर्थन कर आप अपनी जिम्मेदारी और कार्यकारी क्षमता से इंकार कर रहे हैं। पिछले 12 महीने में मिली चुनावी हार के बाद प्रधानमंत्री मोदी को किसानों, बेरोजगारों, भूमिहीन मजदूरों की चिंताओं ने अपनी तरफ खींचा है।'

उन्होंने कहा, 'अगर यहां एक राष्ट्र, एक चुनाव होता है, आप किसी को चुनते हैं और तब अगले 5 सालों तक के लिए आपके पास किसी को अपनी आवाज सुनाने का मौका नहीं रहेगा। हमारे पास एक सिस्टम हैं जिसके जरिये आपकी आवाज सुनी जाती है वो है चुनाव।'

इस प्रस्ताव की सीधे तौर पर आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि अगर यहां एक राष्ट्र एक चुनाव होता है तो आपको 5 साल तक कष्ट उठाना होगा।

बता दें कि हाल ही में 7-8 जुलाई को विधि आयोग ने एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जिसमें अधिकतर पार्टियों ने इसका विरोध किया था।

कुछ विपक्षी पार्टियों ने इस प्रस्ताव को लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा बताया था। वहीं बीजेपी के अलावा समाजवादी पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस और कई पार्टियों ने इस प्रस्ताव का समर्थन भी किया था।

विधि आयोग को दिए गए सिफारिशों के बाद लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की कवायद पर विस्तृत चर्चा होनी है।

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