अटल बिहारी वाजपेयी के भाषण से आहत मनमोहन सिंह ने जब पद छोड़ने का बना लिया था मन
1991 में कुछ ऐसा ही हुआ जब तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अटल बिहारी वाजपेयी की बातों से इतना आहत हुए कि उन्होंने वित्त मंत्री का पद छोड़ने का फ़ैसला ले लिया था।
नई दिल्ली:
दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के बोलने के अंदाज की मिमिक्री कर जॉनी लीवर और राजू श्रीवास्तव जैसे कई हास्य कलाकारों ने दर्शकों के बीच खूब लोकप्रियाता बटोरी। साफ़ है उनके बोलने की शैली में विद्वता के साथ एक अलग ही अंदाज था जो लोगों को सुनने पर मजबूर कर देता था लेकिन उनके शब्द कई बार विरोधियों को बाण की तरह भी लगते थे। 1991 में कुछ ऐसा ही हुआ जब तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अटल बिहारी वाजपेयी की बातों से इतना आहत हुए कि उन्होंने वित्त मंत्री का पद छोड़ने का फ़ैसला ले लिया था।
बता दें कि यह वाक्या तब का है जब मनमोहन सिंह देश में आर्थिक उदारीकरण को ध्यान में रखते हुए फैसले ले रहे थे। मनमोहन सिंह ने अपना भाषण संपन्न कर बजट पेश किया। जिसके बाद तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने भाषण में मनमोहन सिंह द्वारा पेश किए गए बजट की जमकर आलोचना की।
ख़ैर, तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को जैसे ही डॉ. मनमोहन सिंह के इस्तीफ़े देने के विचार की जानकारी मिली उन्होंने फोन कर वाजेपयी को पूरा मामला समझाया। फिर क्या था अटल बिहारी वाजपेयी जी ने मनमोहन सिंह से मुलाकात की और उन्हें समझाया कि उनकी आलोचना राजनीतिक है इसलिए दुखी न हों।
अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन के बीच इस मुलाक़ात के बाद दोनों के बीच दोस्ती काफी गहरी हो गई। बताया जाता है कि पिछले 14 सालों से जब अटल बिहारी वाजपेयी सार्वजनिक जीवन से काफी दूर हो गए थे और भूलने की बीमारी (अल्जाइमर) से ग्रसित थे तो मनमोहन सिंह अक्सर उनसे मिलने कृष्ण मेनन मार्ग स्थित आवास पहुंच जाते थे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह ने गुरुवार को वाजपेयी के निधन पर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) आधुनिक भारत के 'शीर्षस्थ नेताओं' में से एक थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा करने में लगाया। पूर्व प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा, " भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी (Atal Bihari Vajpayee) के दुखद निधन के बारे में पता चला। वह एक शानदार वक्ता, प्रभावी कवि, अद्वितीय लोकसेवक, उत्कृष्ट सांसद और महान प्रधानमंत्री रहे।"
और पढ़ें- भारत रत्न पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में निधन, 66 दिनों तक लड़ी जिंदगी की जंग
भागवत ने वाजपेयी को बताया सर्व स्वीकृत नेता
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को एक 'सर्व स्वीकृत नेता' करार दिया जिन्होंने सार्वजनिक जीवन में भारतीय मूल्य कायम किए। भागवत ने आरएसएस के ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया, 'वाजपेयी एक प्रखर दृढ एवं सर्व स्वीकृत नेता और महान व्यक्तित्व थे जिन्होंने भारतीय संस्कृति एवं मूल्यों को राष्ट्र जीवन में प्रतिष्ठित किया।'
उन्होंने कहा कि वाजपेयी के निधन से पैदा हुई शून्यता हमेशा बनी रहेगी। भागवत ने कहा, 'दिवंगत नेता को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने में हम राष्ट्र के साथ हैं।' गौरतलब है कि आज शाम वाजपेयी (93) का दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया।
देखिए तस्वीरें: अटल बिहारी वाजपेयी के अनछुए पहलू, तस्वीरों में पूरा सफर
जब सोनिया गांधी पर भड़क गए थे अटल
बतौर प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कई मौक़ों पर राजनीतिक विरोधियों को अपने इसी चिरपरिचित अंदाज़ में जबाव देते सुनाई दिए। 2003 में वाजपेयी तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष सोनिया गांधी द्वारा Incompetent (अक्षम), Insensitive (असंवेदनशील), Irresponsible (गैर जिम्मेदार) और Brazenly Corrupt (भ्रष्टतम) शब्द करने को लेकर काफी भड़क गए थे। अटल बिहारी वाजपेयी सोनिया गांधी द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द से काफी आहत हुए और उन्हें जमकर कोसा। हालांकि उनके कोसने का अंदाज़ भी ऐसा था कि संसद में बैठे सभी लोग चुपचाप सुनते रहे।
सोनिया गांधी के प्रति ग़ुस्सा जाहिर करते हुए वाजपेयी ने कहा, 'अभी तो मैं पढ़कर दंग रह गया जब मैने श्रीमति सोनिया जी का भाषण पढ़ा। उन्होंने सारे शब्द इकट्ठे कर दिए हैं एक ही पैरा में Incompetent (अक्षम), Insensitive (असंवेदनशील), Irresponsible (गैर जिम्मेदार) और Brazenly Corrupt (भ्रष्टतम)। राजनीतिक क्षेत्र में जो आपके साथ जो कंधा से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं इसी देश में मतभेद होंगे, उनके बारे में ये आपका मूल्यांकन है, मतभेदों को प्रकट करने का ये तरीका है? ऐसा लगता है कि शब्दकोश खोलकर बैठे गए हैं और उसमें से ढूंढ़-ढूंढ़ कर शब्द निकाले गए हैं Incompetent (अक्षम), Insensitive (असंवेदनशील), Irresponsible (गैर जिम्मेदार) लेकिन यह शब्दों का खेल नहीं है। हम यहां लोगों से चुन कर आए हैं और जब तक लोग चाहेंगे हम रहेंगे, आपका मैनडेट कौन होता है हमारा फैसला तय करने वाला। किसने आपको जज बनाया है? आप यहां तो शक्ति परिक्षण के लिए तैयार नहीं है अब जब असेंबली के चुनाव होंगे तो हो जाएगें दो-दो हाथ लेकिन यह क्या है। सभ्य तरीके से लड़िए, इस देश की मर्यादा का ध्यान रखिए।'
वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को 2014 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उनके जन्मदिवस 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। वाजपेयी 3 बार भारत के प्रधानमंत्री रहे। पहली बार वह 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही चल पाई थी।
अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी हर खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
वर्ष 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीने तक चली थी। 1999 में वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और पांच सालों का कार्यकाल पूरा किया। वाजपेयी को 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए पाकिस्तान पर विजय प्राप्त करने के बाद इंदिरा गांधी को दुर्गा कहकर प्रशंसा करने के लिए भी जाना जाता है। उनमें विदेश नीति मुद्दे की विशिष्ट योग्यता थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने उन्हें संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार कांफ्रेंस में पाकिस्तान के कश्मीर अभियान का जवाब देने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने के लिए चुना था।
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी