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महमूद मदनी ने कहा, जिस घर में शौचालय न हो, मौलवी और मुफ्ती निकाह न कराएं

स्वच्छता पर जोर देते हुए जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी मौलवियों से कहा है कि जिस घर में टॉयलेट (शौचालय) न हो वह वहां निकाह पढ़ने न जाएं।

Updated on: 20 Feb 2017, 06:39 AM

नई दिल्ली:

स्वच्छता पर जोर देते हुए जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी मौलवियों से कहा है कि जिस घर में टॉयलेट (शौचालय) न हो वह वहां निकाह पढ़ने न जाएं। मदनी ने कहा, 'जिस घर में टॉयलेट न हो, मौलवी और मुफ्ती वहां निकाह पढ़ने न जाएं। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के मौलवियों और मुफ्तियों ने यह फैसला कर लिया है।'

मदनी ने बताया कि कि 3 राज्यों में शौचालय की शर्त को मुसलमानों की शादी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है और इसे जल्द ही देश के अन्य सभी राज्यों में लागू किया जाएगा।

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पूर्व राज्यसभा सांसद मदनी ने असम के खानापड़ा में स्वच्छता पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'दो तरह की स्वच्छता जरूरी है- एक बाहरी और दूसरी अंदरुनी। दोनों ही एक-दूसरे से जुड़े हुई है। हम तभी अंदर से साफ हो सकते हैं, जब हमारे शरीर भी स्वच्छ हों।'

उन्होंने कहा, 'उन्हें लगता है कि देशभर में सभी धर्मों के धार्मिक नेताओं को फैसला करना चाहिए कि वे उन लड़कों की शादी नहीं कराएंगे जिनके घरों में शौचालय नहीं हैं।' स्वच्छता पर जोर देते हुए उन्होंने लोगों से कहा कि वे शौचालय का इस्तेमाल कर अपने प्रदेश और देश को स्वच्छ बनाएं।

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