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मनमोहन पर लगे आरोप का पवार ने दिया जवाब, बोले- शर्म करें पीएम मोदी

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का संबंध पाकिस्तान से जोड़ने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा को शर्म आनी चाहिए।

Updated on: 12 Dec 2017, 11:18 PM

नई दिल्ली:

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने अपने 77वें जन्मदिन पर मंगलवार को कांग्रेस और अन्य पार्टियों के साथ भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार के खिलाफ जुलूस निकाला और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का संबंध पाकिस्तान से जोड़ने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा को शर्म आनी चाहिए।

'जन आक्रोश हल्ला बोल' जुलूस की अगुवाई करने के बाद पवार ने एक विशाल रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा, 'मनमोहन सिंह की विश्वसनीयता बेदाग है और गुजरात चुनाव जीतने के लिए उनपर पाकिस्तान की मदद का आरोप लगाना बेहद गलत है।'

उन्होंने कहा, 'जब से भारतीय जनता पार्टी नीत गठबंधन सत्ता में आया है, इन्होंने देश को बर्बाद कर दिया। इन्होंने काफी गंदी राजनीति का सहारा लिया है और सत्ता में आने के लिए इन्होंने पाकिस्तान मुद्दे को उठाया है। यह बहुत बुरी घटना है।'

पवार ने कहा, 'मोदी सरकार ने सत्ता में तीन साल से ज्यादा पूरे कर लिए, लेकिन किसानों का मुद्दा अब तक अनसुलझा है और उनकी समस्याओं को दरकिनार किया जाता है, जिससे उन्हें आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ता है।'

पवार ने चेताते हुए कहा, 'मुख्यमंत्री ने हमें धमकी दी है। राज्य चलाने का उनके पास पूरा अधिकार है, लेकिन वह अगर हमें जेल में डालने के लिए धमकाएंगे तो राज्य के किसान उन्हें सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए काफी हैं।'

उन्होंने इशारा करते हुए कहा कि यह आंदोलन किसानों की दयनीय दशा के प्रति सरकार को जगाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य, राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा किसानों को ऋण माफी देने में विफल रहने समेत अन्य मुद्दों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है।

इस बीच, भाजपा-शिवसेना सरकार ने राज्य के सिंचाई विभाग में 72,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के चार मामलों में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से चार विभिन्न मामले दर्ज किए जाने पर पवार पर जवाबी हमला किया। भ्रष्टाचार के इस मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और पूर्व मंत्री सुनिल तटकरे समेत कई वरिष्ठ नेता फंस सकते हैं।

पवार ने हाल ही में पैर की अंगुली की सर्जरी कराई थी, लेकिन वह पूरी तरह स्वस्थ और ऊर्जावान दिख रहे थे। जुलूस धनवते राष्ट्रीय कॉलेज मैदान से शुरू हुआ और महाराष्ट्र विधानसभा तक गया।

जुलूस में पूर्वी महाराष्ट्र के पूरे विदर्भ क्षेत्र से दो लाख से ज्यादा किसानों व पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा कांग्रेस नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण और कांग्रेस व राकांपा के अन्य नेता मौजूद थे।

राकांपा के राज्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, 'इसके पहले 1980 में पवार ने किसानों के मुद्दे पर जलगांव से नागपुर तक इसी तरह साइकिल जुलूस निकाली थी। इस बार उन किसानों के लिए जुलूस निकाला गया है, जिन्हें केंद्र व राज्य की मौजूदा भाजपा-शिवसेना सरकारों की ओर से नजरअंदाज किया गया है।'

बाद में, विधानसभा भवन के पास आजाद, पवार व दोनों पार्टी के वरिष्ठ नेताओं समेत समाजवादी पार्टी व अन्य छोटी पार्टियों के नेताओं ने लोगों को संबोधित किया।

मंगलवार को आयोजित जुलूस और रैली राकांपा द्वारा मौजूदा एक दिसंबर से शुरू किए गए प्रदर्शन का हिस्सा था। राकांपा ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में राज्य सरकार द्वारा महाराष्ट्र के लोगों को किए गए वादे न निभाने के लिए विरोध प्रदर्शन आयोजित किया है।

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