प्रधानमंत्री को गले लगाने में आगे, लेकिन आईटी अधिकारियों से दूर भागते हैं राहुल गांधी: ईरानी
केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गले लगने में आगे रहते हैं लेकिन आयकर अधिकारियों से दूर भागते हैं।
नई दिल्ली:
केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर मंगलवार को निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गले लगने में आगे रहते हैं लेकिन आयकर अधिकारियों से दूर भागते हैं। ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एवं उनकी मां सोनिया गांधी के वर्ष 2011-2012 के कर आकलन को दोबारा खोले जाने के आयकर (आईटी) विभाग के फैसले को चुनौती देने के मामले में यह हमला किया।
मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी को कई सवालों के जवाब देने की जरूरत है। एक दिन पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट ने 'नेशनल हेराल्ड' अखबार से संबंधित एक मामले में राहुल और उनकी मां सोनिया गांधी के कर आकलन को दोबारा खोले जाने को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
बीजेपी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ईरानी ने कहा कि अदालत में उनकी अपील से यह 'जाहिर होता है कि कांग्रेस पार्टी के अंदर गहरे तक भ्रष्टाचार जड़ जमाये है।'
उन्होंने कहा कि कोई भारतीय आयकर नोटिस का उल्लंघन नहीं कर सकता, लेकिन राहुल गांधी तो आयकर अधिकारियों से दूर भागते हैं।
जुलाई में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष के मोदी को गले लगाने का जिक्र करते हुए ईरानी ने पूछा, 'ऐसा क्यों है कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री को गले लगाने में आगे रहते हैं लेकिन जब आयकर अधिकारी की बारी आती है तो वह दूर भागते हैं।'
उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने एक गैर मुनाफा कंपनी 'यंग इंडियंस' बनायी, जिसने एक व्यावसायिक कंपनी 'एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड' को और उसके 90 करोड़ रुपये के कर्ज को 50 लाख रुपये में खरीद लिया।
उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी वर्ष 2011 में एक कंपनी की स्थापना करते हैं और दावा करते हैं कि यह मुनाफा-नुकसान के कारोबार में लिप्त नहीं होगी। यंग इंडियन, एसोसिएटेड जर्नल्स को खरीदती है जो एक व्यावसायिक कंपनी है।'
एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की स्थापना जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यह 'नेशनल हेराल्ड' सहित तीन अखबारों का प्रकाशन करती है।
ईरानी ने दावा किया कि एसोसिएटेड जर्नल्स का कर्ज खरीदने के बाद राहुल गांधी, उनकी बहन, प्रियंका वड्रा और सोनिया गांधी कंपनी के मालिक बन जाते हैं।
बीजेपी ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने कांग्रेस के धन का इस्तेमाल इसके कर्ज को चुकाने में किया जबकि प्रकाशक के पास हजारों करोड़ रुपये की रीयल इस्टेट संपत्ति है।
बढ़ते एनपीए (गैर निष्पादित आस्तियां) को लेकर आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन द्वारा आकलन समिति को दिये गये जवाब पर चर्चा करते हुए ईरानी ने कहा कि उनका बयान स्पष्ट रूप से यह साबित करता है कि यह कांग्रेस ही थी जो बढ़े हुए एनपीए के लिये जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा, 'यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक ऐसी सरकार का नेतृत्व किया जिसने भारत की बैंकिंग प्रणाली पर हमला किया। रघुराम राजन ने कहा है कि वर्ष 2006-08 के बीच यूपीए की कार्यप्रणाली के कारण भारतीय बैंकिंग ढांचे में एनपीए बढ़ा।'
ईरानी ने राजन की रिपोर्ट को कांग्रेस द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की 'जोरदार मुनादी' करार दिया।
राजन ने संसदीय पैनल को भेजे नोट में कहा है, 'जांच के डर से कई कोयला खदानों के संदेहास्पद आवंटन जैसी शासन संबंधी कई समस्याओं के चलते यूपीए और इसके बाद राजग दोनों सरकारों में दिल्ली में निर्णय लेने की क्षमता में कमी आयी।'
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ईरानी ने मंगलवार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ मोदी की बातचीत का विस्तृत ब्योरा साझा किया और कहा कि प्रधानमंत्री गरीबों को सशक्त करने के लिये काम कर रहे हैं जबकि गांधी परिवार 'खुद को सशक्त बनाने' में व्यस्त है।
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