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लाखों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आए 'अच्छे दिन', मिलेगा ज़्यादा मेहनताना, पीएम नरेंद्र मोदी ने की घोषणा

पीएम ने नरेन्द्र मोदी एप और वीडियो लिंक के माध्यम से संवाद के दौरान इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि जिन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 2250 रुपए था, उन्हें अब 3500 रुपए मिलेगा।

Updated on: 11 Sep 2018, 03:53 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर के आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए तय मानदेय को 3000 रुपये से बढ़ा कर 4500 रुपये करने का फैसला किया है। पीएम ने नरेन्द्र मोदी एप और वीडियो लिंक के माध्यम से संवाद के दौरान इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि जिन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 2250 रुपए था, उन्हें अब 3500 रुपए मिलेगा। आंगनवाड़ी सहायिकाओं को 1500 रुपए के स्थान पर 2250 रुपए मिलेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी कहा, 'यह बढ़ा हुआ मानदेय अगले माह यानी एक अक्तूबर से लागू हो जाएगा, यानी नवंबर से आपको नया पैसा या तनख्वाह या मानदेय मिलेगा।'

पीएम मोदी ने ज़ोर देते हुए कहा कि यह बढ़ी राशि केंद्र सरकार के हिस्से की है। पीएम मोदी ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि को दोगुणा करने के अलावा यह भी फैसला किया गया है कि उन्हें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना मुफ्त दी जाएंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका मतलब हुआ कि दो-दो लाख रुपए की इन दोनों बीमा योजना के तहत कोई प्रीमियम नहीं देना होगा और यह खर्च सरकार उठाएगी। उल्लेखनीय है कि संसद में भी विभिन्न दलों के सदस्य आशा कर्मियों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय को बढ़ाने की समय समय पर मांग करते रहे हैं।

वहीं आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 'अपने लाखों हाथ' बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सरकार का ध्यान पोषण और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने पर है। पीएम ने बताया कि टीकाकरण की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है जिससे महिलाओं और बच्चों को खासी मदद मिलेगी।

नरेन्द्र मोदी एप और वीडियो लिंक के माध्यम से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'पोषण का सीधा संबंध स्वास्थ्य से होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने झुंझनू से राष्ट्रीय पोषण मिशन की शुरुआत की थी। यह हमारे लिए बहुत बड़ा मिशन है। इसमें आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।'

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प्रधानमंत्री कहा कि पहले के जमाने में भगवान के हजार बाहु होने की बात सामने आती थी, इसका आशय यह है कि उनकी टीम में ऐसे सैकड़ों समर्पित लोग होते थे। आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के योगदान की सराहना करते हुए पीएम ने कहा, 'आज देश का प्रधानमंत्री कह सकता है कि आप सह्रस्त्रबाहु ही नहीं बल्कि लक्ष्यबाहु भी हैं।'

टीकाकरण के लिए सरकार की पहल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अभियान को पहले बहुत सफलता नहीं मिली। 2014 के बाद, सरकार नई रणनीति के तहत काम करना शुरू किया है। इसके तहत टीकाकरण अभियान को दूर-दराज के इलाकों में बढ़ाने का काम किया गया है।

पीएम ने कहा कि अब तक तीन करोड़ से ज्यादा बच्चों और 85 लाख से ज्यादा महिलाओं का टीकाकरण कराया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कमजोर नींव पर मजबूत इमारत खड़ी नहीं हो सकती है। देश का बच्चा अगर कमजोर होगा तो देश मजबूत नहीं हो सकता है। किसी भी शिशु के लिये पहले 1000 दिन महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान मिला पौष्टिक आहार, खान-पान की आदतें, ये तय करती हैं कि उसका शरीर कैसा बनेगा। पढ़ने-लिखने में वह कैसा होगा, मानसिक रूप से कितना मजबूत होगा।

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पीएम ने कहा कि यदि देश का नागरिक सही से पोषित होगा, विकसित होगा तो देश के विकास को कोई नहीं रोक सकता है। लिहाज़ा शुरुआती हज़ार दिनों में देश के भविष्य की सुरक्षा का एक मज़बूत तंत्र विकसित करने का प्रयास हो रहा हैं।

प्रधानमंत्री ने आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा, 'होम बेस्ड न्यूबॉर्न केयर के माध्यम से आप हर वर्ष देश के लगभग सवा करोड़ बच्चों की देखभाल कर रहे हैं। आपकी मेहनत से ये कार्यक्रम सफल हो रहा है, जिसके कारण इसको और विस्तार दिया गया है। अब इसको होम बेस्ड चाइल्ड केयर का नाम दिया गया है।' उन्होंने कहा कि पहले जन्म के 42 दिन तक आशा वर्कर को 6 बार बच्चे के घर जाना होता था अब 15 महीने तक 11 बार आपको बच्चे का हालचाल जानना ज़रूरी है।

मोदी ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि आपके स्नेह और अपनेपन से एक से एक बेहतरीन नागरिक देश को मिलेंगे।' उन्होंने कहा कि बच्चे की ही नहीं बल्कि प्रसूता माता के स्वास्थ्य की भी सभी चिंता कर रहे हैं। सुरक्षित मातृत्व अभियान जो सरकार ने चलाया है उसकी अधिक से अधिक जानकारी आपको लोगों तक पहुंचानी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गांव, दूर दराज के लोगों से मुलाकात करने के बाद महसूस होता है कि देश किस प्रकार से आगे बढ़ रहा है और आशा से भरा है। वरना तो कुछ लोग निराशा फैलाने में ही लगे हैं।

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प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के फायदे का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, 'प्रौद्योगिकी ने आज अनेक मुश्किलों को आसान कर दिया है। प्रौद्योगिकी जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। हमारा फोन अनेक सवालों का जवाब है। सरकार तो फोन के माध्यम से ही अनेक प्रकार की सुविधाएं सभी देशवासियों तक पहुंचा रही है।'