केदारनाथ के पुनर्निर्माण के प्रस्ताव से दिल्ली में मच गया था हड़कंपः पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि इसके बाद 'राज्य सरकार को घोषणा करनी पड़ी कि हमें गुजरात की जरूरत नहीं। जब दिल्ली में बैठे लोगों को परेशानी हो तो मैं पीछे हट गया।'
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात में आज से नववर्ष आरंभ होता है। उन्हें नववर्ष की शुभकामनाएं।
पीएम मोदी ने कहा, 'एक बार बाबा ने मुझे बुला लिया। मेरे लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों की सेवा ही बाबा की सेवा है। केदारनाथ त्रासदी में मारे गए सभी श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि।'
पीएम ने कहा, 'उस समय मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। मैं अपने आपको रोक नहीं पाया था और यहां आया था। मैंने पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी लेने की बात की थी और सब मान गए थे। मैंने मीडिया के सामने खुशी में ये बात बता भी दी थी। जब मेरे काम करने की खबर आई तो दिल्ली में तूफान आ गया था।'
उन्होंने कहा कि इसके बाद 'राज्य सरकार को घोषणा करनी पड़ी कि हमें गुजरात की जरूरत नहीं। जब दिल्ली में बैठे लोगों को परेशानी हो तो मैं पीछे हट गया, लेकिन बाबा ने तय किया था कि ये काम बेटे के हाथ ही होना था।'
When floods of 2013 occurred I was not PM, I was Gujarat CM. I offered to help in rebuilding but Centre became nervous:PM Modi #Uttarakhand pic.twitter.com/CQ0q1rbWSv
— ANI (@ANI) October 20, 2017
पीएम ने कहा कि यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन गई तो मेरा विश्वास पक्का हो गया कि ये काम मुझे ही करना है। कपाट खुलने पर संकल्प करके गया था और कपाट बंद होने से पहले पहुंच गया हूं। केदारनाथ के भव्य पुनर्निर्माण का आज शिलान्यास हो रहा है।
उन्होंने कहा, 'अब पुरोहितों को जो मकान मिलेंगे वो थ्री इन वन होंगे। बिजली, पानी और स्वच्छता का पूरा प्रबंध होगा। सड़कों को चौड़ा किया जाएगा। पोस्ट ऑफिस, बैंक, कंप्यूटर की व्यवस्था समेत सारा प्रबंध होगा। केदारनाथ के पूरे रास्ते भक्तिमय माहौल देने की कोशिश होगी।'
पांच परियोजनाओं का शुभारंभ हो रहा है। मंदाकिनी के घाट का भी निर्माण कार्य होगा। यहां लोगों के बैठने का इंतजाम होगा। यहां जो भी काम होगा उसमें पर्यावरण के नियमों का पालन किया जाएगा। उसमें आधुनिकता होगी, लेकिन उसकी आत्मा वही होगी जो केदार ने सदियों से अपने भीतर समाहित करके रखा है।
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