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राज्यसभा में लंबित नालंदा विश्‍वविद्यालय (संशोधन) विधेयक होगा वापस, कैबिनेट ने दी मंजूरी

केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में लंबित नालंदा विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2013 को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

Updated on: 13 Jun 2018, 10:39 PM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में लंबित नालंदा विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2013 को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह विधेयक राज्यसभा में लंबित पड़ा हुआ था। यह निर्णय बुधवार को आयोजित कैबिनेट की मीटिंग में लिया गया है।

सरकार के अनुसार अंतिम निर्णय लेने से पहले प्रस्तावित संशोधनों को नालंदा विश्विद्यालय की गवर्निंग बॉडी के साथ चर्चा करने की आवश्यकता है।

गौरतलब है कि नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना अक्टूबर 2009 में थाईलैंड में आयोजित चौथे पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में संयुक्त प्रेस वक्तव्य के आधार पर की गई थी, जिसने अपनी स्थापना को गैर-राज्य, गैर-लाभकारी, धर्मनिरपेक्ष और स्वयं-शासित अंतर्राष्ट्रीय संस्थान के रूप में समर्थन दिया था।

इसके बाद, नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 पारित किया गया था जो कि 25 नवंबर, 2010 से लागू हुआ था। नालंदा विश्वविद्यालय के गवर्निंग बोर्ड का गठन तब से किया गया है।

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सरकार अब 26 अगस्त, 2013 को पेश किए गए संशोधन विधेयक को वापस लेने के लिए राज्यसभा में एक प्रस्ताव पेश करेगी।

सरकार की ओर से एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बिल में प्रस्तावित संशोधन के साथ आगे बढ़ने और अंतिम निर्णय लेने से पहले इस बिल को वर्तमान गवर्निंग बोर्ड के साथ चर्चा करने की आवश्यकता है।

वर्तमान में, विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज, स्कूल ऑफ इकोलॉजी एंड एनवायरनमेंटल स्टडीज एंड स्कूल ऑफ बौद्ध स्टडीज के विभागों में 116 छात्र हैं।
इसमें 21 देशों के 35 अंतर्राष्ट्रीय छात्र शामिल हैं।

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