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हिमाचल में सीएम पद पर सस्पेंस बरकरार, बीजेपी पर्यवेक्षक वापस लौटे

गुजरात में सीएम पद के लिए तो विजय रुपाणी के नाम पर मुहर लग गई लेकिन हिमाचल प्रदेश में सीएम पद पर सस्पेंस जारी है।

Updated on: 23 Dec 2017, 07:08 AM

highlights

  • हिमाचल में सीएम पद पर सस्पेंस बरकरार, पर्यवेक्षक दिल्ली लौटे
  • सीएम पद तीन खेमों में बंटी, धूमल और ठाकुर के समर्थक भिड़े

नई दिल्ली:

गुजरात में सीएम पद के लिए तो विजय रुपाणी के नाम पर मुहर लग गई लेकिन हिमाचल प्रदेश में सीएम पद पर सस्पेंस जारी है।

राजधानी शिमला में बीजेपी संसदीय बोर्ड के भेजे गए पर्यवेक्षकों की लाख माथापच्ची के बाद भी सीएम के लिए किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई। किसी नाम पर एकमत नहीं होने के बाद पर्यवेक्षक के तौर पर हिमाचल गई निर्मला सीतारमण और नरेंद्र सिंह तोमवर वापस दिल्ली लौट आए हैं।

आज शिमला में पर्यवेक्षकों की बैठक के दौरान प्रेम कुमार धूमल और जयराम ठाकुर के समर्थकों ने एक दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और शक्ति प्रदर्शन किया। जयराम ठाकुर सीएम की दौड़ में आगे चल रहे हैं जबकि धूमल को सीएम पद का चेहरा बनाकर बीजेपी ने इस पहाड़ी राज्य में चुनाव लड़ा था।

चुनाव से पहले सीएम पद के उम्मीदवार रहे धूमल के चुनाव हारने की वजह से बीजेपी में कुछ नेता उन्हें सीएम बनाने के पक्ष में नहीं हैं। खासबात यह है कि धूमल को उनके ही एक पूर्व सहयोगी ने चुनाव में मात दे दी थी।

अब दिल्ली में ही बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में राज्य के नए सीएम पर फैसला होगा। राज्य में धूमल के समर्थक उन्हें सीएम पत दिए जाने पर अड़े हुए हैं।

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वहीं सीएम पद को लेकर धूमल ने कहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए कभी दौड़ नहीं लगाई है।

गौरतलब है कि धूमल के चुनाव हारने के बाद हिमाचल प्रदेश में सीएम पद को लेकर बीजेपी तीन खेमों में बंट गई है।

एक तरफ जहां केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को उनके समर्थक सीएम देखना चाहते हैं तो वहीं दूसरी तरफ धूमल और जयराम ठाकुर खेमा भी सीएम पद के लिए ताल ठोक रहा है। धूमल के समर्थन में तीन विधायक अपनी सीट छोड़ने के लिए भी तैयार है ताकि धूमल फिर से चुनाव जीत सकें।

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