रोहिंग्या मुद्दे पर केंद्र का फैसला देश हित में, अफवाहें न फैलाएं संयुक्त राष्ट्र, किरण रिजिजू ने की अपील
गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने अंतर्राष्ट्रीय कमीशन कमेटी से रोहिंग्या मुस्लिमों के मुद्दे पर भारत के प्रति अफवाहें न फैलाने की गुहार लगाई है।
highlights
- केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि सरकार रोहिंग्या मुद्दे पर देशहित में फैसला लेगी
- किरण रिजिजू ने अंतर्राष्ट्रीय कमीशन कमेटी से कहा है कि इस मुद्दे पर भारत के प्रति अफवाहें न फैलाए
- किरण रिजिजू का यह बयान तब आया है जब केंद्र ने रोहिंग्या के मुद्दे पर केंद्र ने SC में हलफनामा दायर किया है
नई दिल्ली:
गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने अंतर्राष्ट्रीय कमीशन कमेटी से रोहिंग्या मुस्लिमों के मुद्दे पर भारत के प्रति अफवाहें न फैलाने की गुहार लगाई है। किरण रिजिजू का यह बयान उस वक्त आया है जब रोहिंग्य मुस्लिमों के मुद्दे पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है।
उन्होंने कहा है, 'यह एक गंभीर मामला है। सरकार जो भी फैसला करती है वह देशहित में करती है। मैं अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन कमेटी से अपील करता हूं कि वह भारत के बारे में ग़लत अफ़वाहें न फैलाएं।'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हमारी आगे की योजना देश हित में होगी और हम यही बात सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में भी दर्ज करेंगे।' केंद्रीय रिजिजू ने यह बयान सुप्रीम कोर्ट में केंद्र द्वारा दायर हलफनामे से पहले दिया था।
आज केंद्र सरकार ने रोहिंग्या मुस्लिमों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट दो रोहिंग्या शरणार्थियों द्वारा दायर याचिका पर भी सुनवाई करेगा। रोहिंग्या शरणार्थी मोहम्मद सलीमुल्लाह और मोहम्मद शक़ीर ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर गुहार लगाई है कि भारत सरकार उन्हें और उनके जैसे रोहिंग्या समुदाय के मुस्लिम लोगों को देश से बाहर न निकाले।
इससे पहले भारत देश में शरण लिए 40 हज़ार रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार भेजने का ऐलान कर चुकी है। सरकार ने साफ किया है कि वो लोग जो यूएनएचआरसी के अंदर रजिस्टर्ड है उन्हें भी सरकार वापस भेजेगी।
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रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार को छोड़ पिछले एक दशक से भारत में रह रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक इनमें से करीब 15,000 शरणार्थियों के पास शरण संबंधित दस्तावेज भी है लेकिन भारत इन्हें वापस भेज देना चाहता है।
गौरतलब है कि बुद्ध बाहुल्य देश म्यांमार रोहिंग्या मुस्लिमों को देश की नागरिकता नहीं देता है और उनके म्यांमार में सदियों से अपनी जड़ों के होने के दावों के बावजूद रोहिंग्या मुस्लिमों को गैर-कानूनी शरणार्थी मानता है।
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