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मानसून सत्र: चीन, कश्मीर और किसानों का मुद्दा उठाएगी कांग्रेस, मुश्किल होगा फ्लोर मैनेजमेंट

संसद के मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को कांग्रेस ने अपना तेवर जाहिर कर दिया है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के तेवर को देखते हुए संसद का मानसून सत्र हंगामेदार होने की आशंका बढ़ गई है।

Updated on: 19 Jul 2017, 01:07 PM

highlights

  • संसद के मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को कांग्रेस ने अपना तेवर जाहिर कर दिया है
  • कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के तेवर को देखते हुए संसद का मानसून सत्र हंगामेदार होने की आशंका बढ़ गई है

नई दिल्ली:

संसद के मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को कांग्रेस ने अपना तेवर जाहिर कर दिया है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के तेवर को देखते हुए संसद का मानसून सत्र हंगामेदार होने की आशंका बढ़ गई है।

हालांकि मानसून सत्र की बैठक से ठीक पहले सर्वदलीय बैठक में लोकसभा स्पीकर ने सत्र के शांतिपूर्वक चलने की उम्मीद जताई है।

चीन के साथ जारी सीमा विवाद, कश्मीर में लगातार खराब होते हालात, कथित गोरक्षकों की गुंडागर्दी, भीड़ के पीट-पीट कर मार डालने की घटनाओं में होने वाली बढ़ोतरी के साथ देश भर में चल रहा किसानों का आंदोलन, उन अहम मुद्दों में शामिल है, जिसे लेकर सरकार बचाव की स्थिति में है, वहीं विपक्ष हमलावर।

ऐसे में सरकार के लिए मानसून सत्र के दौरान संसद को चलाना आसान नहीं होगा।

कांग्रेस ने कहा कि वह सरकार से चीन के साथ जारी सीमा विवाद, कश्मीर में बिगड़ती स्थिति और गो रक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा की जा रही हिंसा के मुद्दे पर जवाब मांगेगी।

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हालांकि संसद सत्र के ठीक एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कथित गोरक्षकों की हिंसा के खिलाफ राज्यों को कड़ी कार्रवाई का निर्देश देकर विपक्ष दलों को शांत करने की कोशिश की।

चीन सीमा विवाद

सिक्किम में जारी सीमा विवाद के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सीमाई इलाके में स्थिति बेहत तनावपूर्ण है।

संसद के सत्र से पहले मोदी सरकार की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद आजाद ने कहा, 'यह स्थिति चीन द्वारा पैदा की गई है। यह देश की सुरक्षा का मामला है और हम इसे संसद में उठाएंगे।'

कश्मीर के बिगड़ते हालात

पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों से भरी बस पर हमला किया था, जिसमें 8 लोगों की मौत हो चुकी है।

दूसरी तरफ कश्मीर घाटी में नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में पाकिस्तान की तरफ से होने वाले सीजफायर के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी गठबंधऩ की सरकार है। विपक्ष कश्मीर के बिगड़ते हालात को लेकर मोदी सरकार को जिम्मेदार बताता रहा है।

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आजाद ने कहा, 'सरकार ने बातचीत के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। यहां तक कि कोई झरोखा भी खुला नहीं है। कश्मीर में राजनीतिक घुटन का माहौल है।'

इसके अलावा देश में किसानों की आत्महत्या औऱ भीड़ की हिंसा के मामलों में हो रही बढ़ोतरी चिंता का कारण बना है। विपक्ष इन दोनों मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की योजना बना चुका है।

माकपा (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि उनकी पार्टी सीमा पर तनाव से संबंधित मुद्दों के अलावा भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जाने वाली हत्याओं और कृषि संकट का मुद्दा उठाएगी।

सलीम ने कहा, 'अल्पसंख्यक समुदाय में डर फैलाया जा रहा है। गाय की रक्षक के नाम पर यह सरकार भक्षक बन गई है।'

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हालांकि मध्य प्रदेश के किसान आंदोलन के बाद कई राज्यों ने किसानों की कर्ज माफी का ऐलान किया है लेकिन केंद्र सरकार देश भर के किसानों की कर्ज माफी की मांग को सिरे से खारिज करती रही है।

सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस संसद के दोनों सदनों में किसानों की समस्या और मंदसौर में पुलिस फायरिंग के मुद्दे भी उठाएगी।

मंदसौर फायरिंग में 7 किसान मारे गए थे।

आजाद ने कहा, 'हम भीड़ द्वारा हिंसा, किसानों की आत्महत्या के मद्देनजर कृषि संकट के मुद्दे उठाएंगे।' आजाद ने कहा कि कांग्रेस सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालने के पक्ष में नहीं है लेकिन सरकार इन मुद्दों पर चर्चा से नहीं भाग सकती।

आरजेडी और तृणमूल की अलग होती रणनीति

वहीं, तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) 'बदले की भावना' से की जाने वाली राजनीति और सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का मुद्दा उठा सकती है।

गौरतलब है कि सीबीआई ने हाल ही में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज किया है।

आरजेडी सुप्रीमो लालू इस मसले को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर हैं। लालू का कहना रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार उनके खिलाफ राजनीतिक बदलेबाजी की भावना से काम कर रही है।

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