आखिरकार राज्य सभा में पास हुआ राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का संशोधित बिल, जानें कैसी रही बहस
सोमवार को राज्यसभा में बहस के बाद आखिरकार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग वाले संशोधित बिल को बहुमत के साथ पास कर दिया गया।
नई दिल्ली:
सोमवार को राज्यसभा में बहस के बाद आखिरकार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग वाले संशोधित बिल को बहुमत के साथ पास कर दिया गया। इस दौरान जब विधेयक पर वोटिंग कराई गई तो विधेयक के खिलाफ एक भी वोट नहीं पड़ा। राज्यसभा में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने वाला बिल पास होने पर राज्यसभा सांसद और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने देश को बधाई दी।
शाह ने देश को बधाई देते हुए कहा कि इस विधेयक के पास होने के साथ ही करोड़ो लोग जो कि पिछड़े वर्ग से आते हैं कि मांग पूरी हो गई है।
उन्होंने कहा,' विधेयक के राज्यसभा में पास होने पर मैं मोदीजी को बधाई देता हूं। 1955 से लेकर अब तक किसी ने इस बात को लेकर गौर नहीं किया, हमारी सरकार ने आने के बाद इस मांग को सुना और इस पर काम किया।'
गौरतलब है कि पिछले साल यह बिल राज्यसभा में पास नहीं हो पाया था।
शाह ने कहा कि पिछले साल बिल के पास न हो पाने के बावजूद हमने इस बिल को एक बार लोकसभा और राज्यसभा में पेश किया और पास कराने में सफल रहे।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक से पिछड़े वर्ग के नागरिकों को जो दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, उन्हे इसका फायदा मिलेगा और वो सम्मान के साथ जी सकेंगे।
इससे पहले यह बिल दो तिहाई से अधिक बहुमत के साथ लोकसभा में पास हुआ था। लोकसभा में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा था कि अब सरकार के संशोधनों के साथ आया विधेयक अत्यधिक सक्षम है और आयोग को संवैधानिक दर्जा मिलने के बाद आयोग पूरी तरह सशक्त होगा।
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