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सरकार का पुराने नोट जमा कराने के लिए और मौका देने से इंकार, सुप्रीम कोर्ट से कहा- मकसद खत्म हो जाएगा

सरकार ने एक सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ऐसा करने से काला धन नष्ट करने का उद्देश्य खत्म हो जाएगा। गर ऐसी अनुमति दी गई तो कई बेनामी लेनदेन होंगे और प्राक्सी यूजर्स पुराने नोट बदलेंगे।

Updated on: 17 Jul 2017, 11:08 PM

नई दिल्ली:

नोटबंदी के बाद जिन लोगों ने साल 2016 के 30 दिसंबर तक अपने पुराने 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट नहीं बदलवाए, केंद्र सरकार ने उनके लिए नोट बदलवाने का एक और मौका देने से सोमवार को इनकार कर दिया।

सरकार ने एक सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ऐसा करने से काला धन नष्ट करने का उद्देश्य खत्म हो जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में वित्त मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी टी. नरसिम्हा ने कहा, 'लोगों को पुराने नोट जमा कराने के लिए साल 2016 के 30 दिसंबर तक पर्याप्त वक्त दिया गया। नोटबंदी का मुख्य लक्ष्य काले धन को खत्म करना था। अब अगर इस एक और मौका दिया गया तो इस लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सकेगा।'

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उन्होंने कहा कि अगर ऐसी अनुमति दी गई तो कई बेनामी लेनदेन होंगे और प्राक्सी यूजर्स पुराने नोट बदलेंगे और काले धन पर रोक नहीं लग पाएगी। उन्होंने अदालत से उस याचिका को खारिज करने की मांग की, जिसमें नोट जमा करने के लिए समय बढ़ाने की मांग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार जुलाई को इस मामले में अपना पक्ष रखने को कहा था।

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