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नोटबंदी: राहुल का तंज, कहा- मोदी सरकार को एक मैथ्स ट्यूटर की जरूरत, जल्दी से PMO में अप्लाइ करें

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार मैथ टीचर की तलाश कर रही है।

Updated on: 13 Jul 2017, 08:25 PM

highlights

  • राहुल का मोदी सरकार पर तंज, सरकार मैथ टीचर की तलाश, कृप्या जल्द से जल्द पीएमओ में अप्लाई करें
  • नोटबंदी के आठ महीने बाद भी आरबीआई ने नहीं बताया है कितने पैसे जमा हुए
  • आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि नोटों की गिनती जारी है

नई दिल्ली:

नोटबंदी के आठ महीने बाद भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पुराने नोटों की गिनती करने में जुटा है। इस बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार को मैथ टीचर की जरूरत है।

राहुल गांधी ने नोटबंदी से जुड़ी एक खबर का लिंक शेयर करते हुए ट्वीट किया, 'सरकार को मैथ टीचर की जरूरत है। कृप्या जल्द से जल्द पीएमओ में अप्लाई करें।'

हाल के दिनों में राहुल ने कश्मीर और चीन के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा है।

आपको बता दें की संसद की स्थायी समिति के सामने बुधवार को हाजिर हुए आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल का कहना है कि नोटों की गिनती जारी है।

संसद की स्थायी समिति अगले हफ्ते शुरू होने जा रहे मॉनसून सत्र में नोटबंदी को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश करनेवाली है, इसलिए पटेल को सम्मन जारी कर बुलाया गया था।

पटेल से यह प्रश्न पूछा गया कि नोटबंदी के बाद 500 और 1000 रुपये के कितने पुराने नोट 30 दिसंबर तक वापस लौटे।

सूत्रों ने बताया कि उन्होंने समिति को बताया कि पुराने नोटों को गिनने का काम लगातार जारी है और केंद्रीय बैंक गिनती के दौरान नकली नोट को छांटती जा रही है और इन नोटों के छांटने के लिए विशेष मशीनों की खरीद की गई है। अभी ऐसी कई मशीनों की खरीद की प्रक्रिया भी चल रही है।

उन्होंने गिनती में देरी का दूसरा कारण यह बताया है कि जिला स्तरीय सहकारी बैकों तथा नेपाल से अभी भी पुराने नोट केंद्रीय बैंक के पास लौट रहे हैं।

उन्होंने समिति के समक्ष कहा कि आरबीआई के कर्मचारी नोटों को गिनती के लिए ओवरटाइम कर रहे हैं और मशीनों की मदद भी ली जा रही है।

पटेल ने कहा कि कुल 17.7 लाख करोड़ के पुराने नोट वापस लिए गए और 15.4 लाख करोड़ के नए नोट प्रचलन में वापस लौट गए हैं।

संसदीय समिति में समाजवादी पार्टी के सदस्य नरेश अग्रवाल आरबीआई गर्वनर के जबाव से असंतुष्ट होकर इस बैठक से निकल गए।

संसदीय समिति की इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस नेता एम. वीरप्पा मोइली ने की, जो तीन घंटे तक चली। इसके सदस्यों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे। 

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