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मोदी सरकार का बड़ा कदम, कोयला खनन निजी क्षेत्र के लिये भी खुला

मोदी सरकार ने 1973 में राष्ट्रीयकरण के बाद से कोयला खनन के लिए एक नया कदम उठाया है।

Updated on: 20 Feb 2018, 03:50 PM

नई दिल्ली:

मोदी कैबिनेट ने 1973 में राष्ट्रीयकरण के बाद से कोयला खनन के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने मंगलवार को कॉमर्शियल उपयोग के लिए निजी क्षेत्रों को कोयला खनन की मंजूरी दी है।

इस फैसले की घोषणा करते हुए कोयला और रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस सुधार से कोल सेक्टर में दक्षता आने की उम्मीद है। इससे एकाधिकार खत्म होगा और प्रतियोगिता बढ़ेगी।

उन्होंने कहा, 'सेक्टर में प्रतियोगितात्मकता के साथ साथ सर्वश्रेष्ठ संभवतः तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा। कोयला आधारित क्षेत्रों में विशेष रूप से खनन क्षेत्र में ज्यादा निवेश प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार पैदा करेगा और इसके साथ ही इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास पर भी असर पड़ेगा।'

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अभी तक कोयला खनन के लिये खानों को सिर्फ बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों को बेचा जाता था। लेकिन अब ई-ऑक्शन के जरिये निजी क्षेत्र के घरेलू और ग्लोबल माइनर्स को भी कोयला खदान नीलाम किये जा सकेंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) में पीयूष गोयल ने कहा कि कोयला खानों (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 और (विकास और नियमन) अधिनियम, 1957 के तहत, कोयले की बिक्री के लिए कोयला खानों की नीलामी की कार्यप्रणाली को मंजूरी दे दी है।

गोयल ने कहा, '1973 में इस क्षेत्र के राष्ट्रीयकरण के बाद निजी क्षेत्र के लिए वाणिज्यिक कोयला खनन खोलना सबसे महत्वाकांक्षी कोयला क्षेत्र सुधार है।'

भारत का कहना है कि 300 अरब टन तक का कोयला भंडार है।

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