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मेहुल चौकसी की याचिका पर पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट जमा कराने का आदेश: दिल्ली हाई कोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने गीतांजली जेम्स के प्रमोटर मेहुल चौकसी की ओर से 2016 में दायर एक अहम याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

Updated on: 20 Feb 2018, 03:48 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली हाई कोर्ट ने गीतांजली जेम्स के प्रमोटर मेहुल चौकसी की ओर से 2016 में दायर एक अहम याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। इस याचिका में मेंहुल चौकसी ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईर को रद्द करने की मांग की है।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ ने दिल्ली पुलिस से इस मामले पर अपनी स्टेटस रिपोर्ट जमा कराने के लिए कहा है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि शिकायतकर्ता और अभियुक्त समझौते के लिए बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं।

हालांकि बेंच ने कहा है कि पिछले साल अप्रैल में चोकसी को दी गई किसी भी प्रकार की कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा जारी रहेगी।

आपको बता दें कि यह मामला साल 2016 में एक इंजीनियर्स फर्म के साथ कथित धोखाधड़ी का है।

इंजीनियर वैभव खुरानिया ने दिल्ली के अमर कॉलोनी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में कहा गया था कि उनकी कंपनी आरएम ग्रीन सॉल्यूशन्स ने चौकसी से ऊंचे रिटर्न का आश्वासन मिलने पर गीतांजली ज्वैलर्स की रिटेल फ्रेंचाइजी खरीदी थी।

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इस करार के तहत चौकसी ने 1.5 करोड़ रुपए की सिक्यॉरिटी डिपॉजिट करने पर तीन करोड़ रुपए की लागत के हीरे के गहने और दूसरे उपहार देने का आश्वासन दिया था।

वहीं सुनवाई पर बहस करते हुए चोकसी के वकील ने कहा,' चोकसी कंपनी के प्रमुख हैं। सहायक कंपनी और एक फ्रेंचाइजी के बीच किसी भी अनुबंध के लिए ज़िम्मेदार नहीं है। इस कारण उन पर एफआईआर दर्ज नहीं कराई जा सकती।'

अक्तूबर 2013 में राजौरी गार्डन में इस फ्रैंचाइजी स्टोर के उद्घाटन वाले दिन धोखाधड़ी का मामला सामना आया।

वैभव के अनुसार उन्हें निचले दर्जे के हीरे और अन्य सामान दिया गया जिसकी लागत करीब 50 से 70 लाख रुपए थी।

साकेत अदालत ने 2 जून 2016 को चौकसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जिसके बाद 12 जुलाई 2016 को इसे दर्ज कर लिया गया।

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