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बूचड़खानों के लिए पशुओं की खरीद-बिक्री पर केंद्र के आदेश के खिलाफ मेघालय विधानसभा में प्रस्ताव पास

बूचड़खानों के लिए पशुओं की खरीद बिक्री पर रोक लगाए जाने के आदेश के खिलाफ पूर्वोत्तर के राज्यों ने मोर्चा खोल दिया है।

Updated on: 12 Jun 2017, 07:57 PM

highlights

  • बूचड़खानों के लिए पशुओं की खरीद बिक्री पर रोक लगाए जाने के आदेश के खिलाफ पूर्वोत्तर के राज्यों ने मोर्चा खोल दिया है
  • मेघालय सरकार ने केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ प्रस्ताव पास इसे वापस लिए जाने की मांग की है

New Delhi:

बूचड़खानों के लिए पशुओं की खरीद बिक्री पर रोक लगाए जाने के आदेश के खिलाफ पूर्वोत्तर के राज्यों ने मोर्चा खोल दिया है।

मेघालय सरकार ने केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ प्रस्ताव पास इसे वापस लिए जाने की मांग की है। विधानसभा में प्रस्ताव पास किए जाने के बाद राज्य के मंत्री जेनिथ एम संगमा ने बताया, 'हमने इसलिए प्रस्ताव पास किया है ताकि केंद्र सरकार इस अधिसूचना को वापस ले।'

इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने चार हफ्तों के लिए रोक लगा दी थी। वहीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए केंद्र की अधिसूचना नहीं मानने को कहा था। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने गायों की तस्करी रोके जाने को लेकर सख्त हिदायत दी थी।

ममता बनर्जी ने कहा था, 'गाय की तस्करी किसी भी कीमत पर रोका जाना चाहिए। इसे रोकने के लिए पुलिस को कड़े से कड़े कदम उठाने चाहिए।' ममता केंद्र के इस फैसले को राज्यों के क्षेत्राधिकार में घुसपैठ करार दे चुकी हैं।

केंद्र सरकार के इस फैसले का बीजेपी में भी विरोध हो रहा है। मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल पूरा होने पर अपने फेसबुक पेज पर बीयर एंड बीफ पार्टी का जिक्र करने वाले मेघालय के नेता ने बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) से इस्तीफा दे दिया था।

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बाचू मरक मेघालय बीजेपी के दूसरे नेता हैं, जिन्होंने बीफ विवाद को लेकर पार्टी छोड़ी है। मरक से पहले बर्नार्ड मार्क ने केंद्र सरकार के उस आदेश के बाद पार्टी छोड़ दी थी।

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