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टाइम मैगजीन #MeToo अभियान को चुना 'पर्सन ऑफ द ईयर', राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रहे दूसरे स्थान पर

सोशल मीडिया पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ शुरू किए गए अभियान #Me too द्वारा यौन हिंसा का खुलासा करने वाली महिलाओं को टाइम मैगजीन ने इस साल का 'पर्सन ऑफ द ईयर' चुना है।

Updated on: 07 Dec 2017, 01:32 PM

नई दिल्ली:

सोशल मीडिया पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ शुरू किए गए अभियान #Me too द्वारा यौन हिंसा का खुलासा करने वाली महिलाओं को टाइम मैगजीन ने इस साल का 'पर्सन ऑफ द ईयर' चुना है।

टाइम मैगजीन ने इन्हें 'द साइलेंस ब्रेकर्स' नाम दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस सूची में दूसरे स्थान पर रहे और उनके बाद चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग का नाम रहा।

मैगजीन के कवर पेज पर उन महिलाओं की फोटो लगाई गई है जो अपने साथ हुए यौन दुर्व्यवहार या शोषण की कहानी लेकर समाज के सामने आईं

हॉलिवुड के निर्माता-निर्देशक हार्वी वाइंस्टाइन और अन्य पुरुषों से जुड़ा यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद इस कैंपेन की शुरुआत हुई थी। अमेरिकन ऐक्ट्रेस ऐलिसा मिलानो ने इसके खिलाफ #MeToo का इस्तेमाल किया था, जो देखते ही देखते दुनिया भर में प्रसिद्द हो गया।

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महिलाएं ने भी #MeToo और दूसरे हैशटैग के साथ यौन उत्पीड़न के खिलाफ अपनी चुप्पी तोड़ी और अपना दर्द साझा किया। इस कैंपेन में बॉलिवुड हस्तियों ने भी हिस्सा लिया और यौन उत्पीड़न से जुड़ी अपनी कहनी शेयर की।

इनमें हॉलीवुड की अभिनेत्री जेनिफर लॉरेंस, कॉमेडियन मल्लिका दुआ, अभिनेत्री स्‍वरा भास्‍कर, राधिका आप्टे, इशिता दत्ता और टीवी सीरियल 'तारक मेहता का उल्‍टा चश्‍मा' की बबीता जी यानी एक्‍ट्रेस मुनमुन दत्ता ने भी अपने साथ हुए यौन शोषण के खिलाफ खुलकर बात की थी।

सेलिब्रिटी से लेकर आम लोग तक इस अभियान से जुड़कर अपनी कहानियों को शेयर किया था।

बता दें कि अमेरिका की न्‍यूज मैगजीन टाइम साल के आखिर में पर्सन ऑफ द ईयर नाम से सालाना एडिशन निकालती है। इस एडिशन में उन लोगों, समूहों या विचारों को शामिल किया जाता है, जो उस साल अच्‍छे या बुरे तरह से पूरे साल दुनिया के सामने अपनी एक अलग छवि में नजर आए।

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