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मयंक गांधी ने केजरीवाल को लिखा खुला पत्र, पूछा- अहंकार और देश में किसे चुनेंगे?

आम आदमी पार्टी के नेता रहे और अरविंद केजरीवाल के पूर्व सहयोगी मयंक गांधी ने अपने ब्लॉग पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कड़ा संदेश देते हुए उनके नाम एक खुली चिट्ठी लिखी है।

Updated on: 26 Apr 2017, 03:57 PM

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी के नेता रहे और अरविंद केजरीवाल के पूर्व सहयोगी मयंक गांधी ने अपने ब्लॉग पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कड़ा संदेश देते हुए उनके नाम एक खुली चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने केजरीवाल पर अहंकारी होने का आरोप लगाया है और कहा है कि वो 2019 में प्रधानमंत्री बनने के लिये किसी भी तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।

इतना ही नहीं मयंक ने इस खुली चिट्ठी में उनके काम करने के तरीके और चुनावों में हुई हार के कारणों को भी गिनाया है।

एमसीडी चुनावों में आम आदमी पार्टी की हार का शायद अंदेशा पहले से ही था। अपने ब्लॉग में उन्होंने गोवा, पंजाब के चुनावों में हार के कारणों की चर्चा करते हुए उन्होंने 'अहंकार और देश' में से एक को चुनने की सलाह दी है।

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उन्होंने कहा है, 'एक निस्वार्थी हीरो जो कभी भी किसी बात पर समझौता नहीं करता था, वो अब नहीं है।उसकी जगह एक राजनीतिक नेता ने ले ली है जो किसी भी तरह से अपनी 2019 में पीएम बनने की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिये तमाम हथकंडे अपना रहा है।'

उन्होंने कहा है, 'देश को हीरो चाहिये। क्या आप उनमें से एक हैं? लड़ाई आपके अहंकार और राष्ट्र के बीच है। अप किसे चुनेंगे?'

आइये जानते हैं कि मयंक गांधी ने अपनी चिट्ठी में केजरीवाल पर क्या आरोप लगाए हैं-

1. आप मुख्यमंत्री बनेंगे लेकिन कोई भी विभाग नहीं लेगें और दिल्ली के बाहर के राज्यों पर ध्यान देंगे ताकि प्रधानमंत्री को चुनौती देने के लिेये गठबंधन तैयार किया जा सके।


2. विधायकों और वरिष्ठ अधिकारियों को दिल्ली के बाहर काम करने के लिये भेजना ताकि दूसरे राज्यों में पार्टी को जीत दिला सकें। यहां इसके कारण प्रशासन में कमी आई जिसका आरोप केंद्र सरकार और एलजी पर लगाया गया।

3. निजी और जनता के पैसे में अंतर को खत्म करना। जनता के पैसे का इस्तेमाल अपने प्रचार, निजी खर्च, पहले दर्ज़े में हवाई यात्रा, निजी मुकदमे में करना और सवाल उठाने पर दूसरे दलों पर उंगली उठाना।

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4. हर कीमत पर जीत! अगर इसकी राह में स्वराज आता है तो उसे उखाड़ फेंको। अगर तुष्टीकरण काम करता है तो करो। अगर जातिवाद की राजनीति आपको फायदा दे रही है तो अपना लीजिये। अगर कई सवाल पूछे जाते हैं तो डोनेशन की लिस्ट हटा दो। अगर पैसे की जरूरत है तो सीटें बेंचो। सत्ता सिंद्धांतों से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

5. केजरीवाल को एक ताकतवार नेता के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाए। हर मौके पर मोदी पर निजी हमले करो ताकि आप हिम्मतवाले नेता कहे जाएं और मोदी विरोधी वोट आपको मिल सके।

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6. इसके अलावा ताकतवर नेता के तौर पर हर उस व्यक्ति को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दो जो आपसे सहमत न हो। जैसा कि आशुतोष ने कहा था- पार्टी में एक ही आवाज़ होनी चाहिये और कोई उसका विरोध करे तो कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि कोई दूसरा उस हरकत को दोहरा न सके।

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