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पनामागेट मामला: पाक प्रधानमंत्री नवाज की बेटी मरियम फर्जी दस्तावेज देने की दोषी, अंधेरे में राजनीतिक करियर

पनामागेट मामले की जांच कर रही जेआईटी की रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल आने की संभावना है। रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज को जांच आयोग ने फर्जी दस्तावेज देने का दोषी पाया है, जो एक आपराधिक कृत्य है।

Updated on: 11 Jul 2017, 09:46 AM

highlights

  • पनामागेट मामले की जांच कर रही JIT की रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल आने की संभावना है
  • रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज को जांच आयोग ने फर्जी दस्तावेज देने का दोषी पाया है

नई दिल्ली:

पनामागेट मामले की जांच कर रही जेआईटी की रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल आने की संभावना है। रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज को जांच आयोग ने फर्जी दस्तावेज देने का दोषी पाया है, जो एक आपराधिक कृत्य है।

जेआईटी (संयुक्त जांच दल) की इस रिपोर्ट के बाद मरियम के राजनीति में आने पर ग्रहण लग गया है।

आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक मरियम नवाज और उनके भाई हुसैन एवं हसन नवाज ने फर्जी दस्तावेज देकर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया।

पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने मई महीने में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिवार वालों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच करने के लिए जेआईटी का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट 10 जुलाई को सौंपी जा चुकी है।

इसके साथ ही मरियम को आय से अधिक संपत्ति के मामले का भी दोषी पाया गया है। पाकिस्तानी अखबार डॉन में विशेषज्ञों के हवाले से बताया गया है कि इस रिपोर्ट के बावजूद मरियम के राजनीतिक करियर पर कोई असर नहीं होगा।

माना जा रहा था कि मरियम 2018 के चुनाव से राजनीति में अपने करियर की शुरुआत कर सकती थीं। लेकिन पिछले साल अप्रैल में पनामागेट में उनका नाम आने के बाद राजनीति में उनके लिए रास्ते बंद होते नजर आ रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, 'मरियम को 2009-2016 के बीच 7.35 करोड़ रुपये से लेकर 83.07 करोड़ रुपये के गिफ्ट मिले।' इसमें कहा गया है कि कोई आय का स्रोत नहीं होने के बावजूद मरियम की संपत्ति में 1990 के बाद से जबरदस्त इजाफा हुआ।

नवाज़ शरीफ को हटाने में लगे हैं कुछ लोग, उनकी पार्टी को आशंका

जेआईटी की रिपोर्ट को लेकर पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता की आशंका जताई जा रही है। रिपोर्ट के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ जाने की स्थिति में राजनीतिक हालात बिगड़ सकते हैं।

गौरतलब है कि शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन ने इस रिपोर्ट को नहीं मानने की धमकी दे चुकी है। पाकिस्तानी मुस्लिम लीग (नवाज) ने कहा है कि अगर जेआईटी की रिपोर्ट में कतर के प्रधानमंत्री हमाद बिन जसीम अल थानी के बयान को शामिल नहीं किया गया तो वह इसे नहीं मानेंगे।

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