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NRC लिस्ट पर ममता बनर्जी ने गृहमंत्री से की मुलाक़ात, कहा- बिल में लाएं संशोधन

मुलाक़ात के दौरान उन्होंने गृहमंत्री से कहा कि ऐसी जानकारी मिल रही है कि बंगाल में भी NRC लिस्ट लाने की तैयारी चल रही है। अगर ऐसा रहा तो गृह युद्ध जैसे हालात पैदा हो जाएंगे।

Updated on: 01 Aug 2018, 12:01 PM

नई दिल्ली:

NRC लिस्ट में संशोधन को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजनाथ सिंह से मुलाकात की। मुलाक़ात के दौरान उन्होंने गृहमंत्री से कहा कि ऐसी जानकारी मिल रही है कि बंगाल में भी NRC लिस्ट लाने की तैयारी चल रही है। अगर ऐसा रहा तो गृह युद्ध जैसे हालात पैदा हो जाएंगे।

मुलाक़ात के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मैने उनसे NRC बिल में संशोधन की मांग की है। उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया है कि लोगों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। मैने उनसे बंगाल में भी NRC लिस्ट लाने की ख़बरों को लेकर पूछा है। मैंने उनसे कहा कि अगर ऐसा कुछ हुआ तो देश में गृह युद्ध जैसे हालात पैदा होंगे।'

वहीं दोनों नेताओं के बीच की मुलाक़ात के दौरान हुई चर्चा को लेकर गृहमंत्री ने कहा, 'मैने उनसे बताया कि NRC लिस्ट उस क़ानून को ध्यान में रखकर बनाया गया है जो 5 फरवरी 2005 को केंद्र सरकार, असम सरकार और ऑल असम स्टूडेंट यूनियन के बीच बैठक के बाद तय की गई थी। जिसमें 1951 NRC को अपडेट करने की बात कही गई थी।'

उन्होंने कहा, 'इस प्रक्रिया में किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचने दिया जाएगा। लोगों को अपनी बात रखने के पर्याप्त मौक़े दिए जाएंगे। बिल सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में क़ानून के अनुसार ड्राफ्ट किया गया है।'

इससे पहले ममता बनर्जी ने कहा, 'असम में क्या चल रहा है। क्या है NRC की समस्या। यह लोग केवल बंगाली नहीं है यह अल्पसंख्यक हैं, यह हिंदू हैं, यह बंगाली है, यह बिहारी है। पिछले दिनों 40 लाख़ से ज़्यादा लोगों ने सत्ताधीन सरकार के लिए वोट किया और अचानक ही आज उन्हें अपने ही देश में शरणार्थी बना दिया गया।'

ममता ने कहा, 'मैं अपनी मातृभूमी को विभाजित नहीं देख सकती। हमलोग बंगाल में ऐसा नहीं होने देंगे क्योंकि यहां हमलोग रहते हैं। आज यह लोग वोट भी नहीं दे पा रहे हैं।'

बता दें कि सोमवार को NRC का फाइनल ड्राफ्ट जारी होने के बाद 40 लाख़ से ज्यादा लोगों का भविष्य अधर में लटक गया है। इन लोगों का नाम ड्राफ्ट में नहीं है।

वहीं केंद्र सरकार भी इन लोगों की नागरिकता को लेकर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कह रही है।

NRC ड्राफ्ट में 2.89 करोड़ लोगों का नाम शामिल है जबकि असम में 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन दिया था। 40 लाख लोगों के नाम रजिस्टर में क्यों नहीं है, इसके कारणों को सार्वजनिक नहीं किया गया है।

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