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महाराष्ट्र के हड़ताली डॉक्टर्स को बॉम्बे हाईकोर्ट की फटकार, जज ने कहा- खुद पर शर्म करें

महाराष्ट्र में दूसरे दिन भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। राज्य के सरकारी डॉक्टर्स सुरक्षा मुहैया कराने की मांग पर अड़े रहे और हड़ताल जारी रखी जिससे मजबूर होकर बॉम्बे हाई कोर्ट को उनके अनुचित आचरण पर सज़ा देने के लिए कहन पड़ा।

Updated on: 22 Mar 2017, 03:53 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में दूसरे दिन भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। राज्य के सरकारी डॉक्टर्स सुरक्षा मुहैया कराने की मांग पर अड़े रहे और हड़ताल जारी रखी जिससे मजबूर होकर बॉम्बे हाई कोर्ट को उनके अनुचित आचरण पर सज़ा देने के लिए कहन पड़ा।

मंगलवार से 4000 रेज़ीडेन्ट डॉक्टर्स काम पर नहीं आए हैं और अस्पताल में सिक्योरिटी देने की मांग पर अड़े हुए हैं। डॉक्टर्स उन पर हुए हमले के कारण यह मांग कर रहे है। डॉक्टर्स के विरोध के मसले पर बॉम्बे हाई कोर्ट को बुधवार को दखल देना पड़ा और उनके अनुचित आचरण को शर्मनाक बताते हुए उन्हें इस्तीफा देने की बात कही।

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हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस मंजुला चेल्लुर ने कहा कि, 'यदि आप (डॉक्टर्स) काम नहीं करना चाहते हैं तो आप इस्तीफा दे सकते हैं। आप कोई फैक्ट्री वर्कर नहीं है जो ऐसे विरोध प्रदर्शन करें। अपने ऊपर शर्म करें। डॉक्टर्स ऐसे कैसे व्यवहार कर सकते हैं।'

डॉक्टर्स की हड़ताल के खिलाफ दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह टिप्पणी की। यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता अफाक मंदाविया ने डॉक्टर्स की हड़ताल के खिलाफ दायर की थी।

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस मंजुला चेल्लुर और जस्टिस जी एस कुलकर्णी की डिविज़ बेंच ने अस्पताल प्रबंधन को हड़ताल पर गए डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही।

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