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भीमा-कोरेगांव हिंसा: जिग्नेश मेवाणी बोले, दलित अत्याचार पर पीएम मोदी तोड़ें चुप्पी

महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद गुजरात के दलित नेता और निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने सभी आरोपों से इनकार किया है।

Updated on: 05 Jan 2018, 08:06 PM

highlights

  • भीमा-कोरेगांव हिंसा के मामले पर जिग्नेश ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
  • जिग्नेश ने कहा- दलित हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जुबान खोलें
  • एफआईआर दर्ज होने पर जिग्नेश ने कहा, मैंने कभी भड़काऊ भाषण नहीं दिया

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद गुजरात के दलित नेता और निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने सभी आरोपों से इनकार किया है।

उन्होंने कहा कि पूरे मामले में मुझे फंसाया जा रहा है। मेवाणी ने शुक्रवार को दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि क्या दलितों को शांतिपूर्ण रैली का हक नहीं है?

गुजरात के वडगाम सीट से विधायक जिग्नेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी दलितों के खिलाफ हुई हिंसा पर चुप्पी तोड़ें।

जिग्नेश ने साथ ही ऐलान किया कि हम लोग 9 जनवरी को नई दिल्ली में युवा हुंकार रैली करेंगे। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दफ्तर की ओर बढ़ेंगे।

उन्होंने बताया कि जब हम प्रधानमंत्री कार्यालन (पीएमओ) की तरफ जाएंगे, उस दौरान एक हाथ में मनुस्मृति और दूसरे हाथ में संविधान होगा।

मोदी-बीजेपी पर हमला

दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने कहा, 'देश में दलित सुरक्षित नहीं हैं। प्रधानमंत्री की दलितों के प्रति कोई प्रतिबद्धता है या नहीं। खुद को अंबेडकर का भक्त बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जुबान खोलें।'

उन्होंने कहा, 'गुजरात में बीजेपी का अहंकार टूट गया है और 2019 में उनको मुझसे खतरा दिख रहा है। मेरी छवि खराब करने के लिए मुझे निशाना बनाया जा रहा है।'

एफआईआर पर बोले जिग्नेश

महाराष्ट्र हिंसा मामले में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एफआईआर दर्ज होने पर जिग्नेश ने सफाई दी। उन्होंने कहा, 'मैं कभी भीमा-कोरेगांव नहीं गया। मैंने कभी भड़काऊ भाषण नहीं दिया। मुजे सिर्फ निशाना बनाया जा रहा है। मैंने अपने पूरे भाषण में एक भी भड़काऊ बयान नहीं दिया।'

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आपको बता दें कि 3 दिसंबर को पुलिस ने जिग्नेश मेवानी और जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ कथित रूप से समुदायों के बीच भावनाओं को भड़काने आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी। यह प्राथमिकी पुणे के 22 वर्षीय छात्र अक्षय जी. बिक्कड़ की शिकायत पर बुधवार देर रात दर्ज की गई। 

महाराष्ट्र में 29 दिसंबर से है तनाव

आपको बता दें कि 29 दिसम्बर को महाराष्ट्र के वाधु बुद्रुक में एक स्मारक के अपवित्र करने से विवाद शुरु हुआ।

जिसके बाद भीमा-कोरेगांव में एक जनवरी को दंगे हुए जिसमें एक की मौत हो गई। उसके बाद महाराष्ट्र बंद के कारण राज्य भर में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई और बंद के दौरान भी एक युवक की मौत हो गई। 

इस मामले में पुलिस ने अब तक 16 एफआईआर दर्ज किये हैं और 300 लोगों को हिरासत में लिया है।

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