logo-image

SC/ST एक्ट पर कांग्रेस साफ करे अपना रुख, हमें एनडीए सरकार पर भरोसा: चिराग पासवान

अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी) अधिनियम को मजबूत करने के लिए अध्यादेश लाने के मुद्दे पर चिराग पासवान ने कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी से अपना रुख साफ करने को कहा है।

Updated on: 30 Jul 2018, 10:20 PM

नई दिल्ली:

अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी) अधिनियम को मजबूत करने के लिए अध्यादेश लाने और राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष जस्टिस गोयल को हटाने की मांग को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के नेता चिराग पासवान ने कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी से अपना रुख साफ करने को कहा है।

केंद्र सरकार को अल्टीमेटम देने के बाद, चिराग पासवान ने सोमवार को कहा कि उसे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुआई वाली सरकार में विश्वास है और उनकी मांगे पूरी की जाएंगी।

पासवान ने कहा, 'कांग्रेस केंद्र में मौजूद एनडीए सरकार की छवि को दलित विरोधी के रूप में खराब करना चाहती है। उनके नेता (मल्लिकार्जुन) खड़गे संसद में एससी/एसटी के मुद्दों पर सवाल उठाते हैं, जबकि एक अन्य नेता अश्विनी कुमार एनजीटी के अध्यक्ष ए.के. गोयल का समर्थन करते हैं, जिन्होंने पहले (सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में) इस कानून को कमजोर किया था।'

पासवान ने कहा, 'मैं मांग करता हूं कि राहुल गांधी इन मुद्दों पर अपना पक्ष स्पष्ट करें। क्या वह गोयल के हटाने की मांग का समर्थन करते हैं?'

और पढ़ें: SC/ST एक्ट पर बीजेपी रख रही फूंक-फूंक कर कदम, 9 अगस्त को दलितों ने बुलाया भारत बंद, कहा- बातचीत के सभी विकल्प खुले

उन्होंने सभी विपक्षी दलों से भी इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करने के लिए कहा।

चिराग ने कहा, 'मैंने शुक्रवार को कहा था कि हम सरकार के विरुद्ध नहीं हैं। हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सरकार ने अभी तक हमारी सारी मांगों को मान लिया है, चाहे वह आरक्षण से जुड़ा मुद्दा हो या फिर यूजीसी से जुड़ा।'

उन्होंने कहा, 'हमें अपनी सरकार पर पूरा भरोसा है। हमें उम्मीद है कि समय आने पर इन मांगों को पूरा किया जाएगा। मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार एक-दो दिन में उपयुक्त कदम उठाएगी।'

वहीं इस मुद्दे पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए मायावती पर निशाना साधते हुए कहा, 'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने 2007 में एक आदेश जारी किया था कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा मामले की जांच किए बिना अत्याचार के मामले में गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। इसके अलावा, मेडिकल जांच होने तक मामला भी दर्ज नहीं किया जा सकता। उन्होंने उस समय जो किया और (न्यायमूर्ति) गोयल ने जो आदेश दिए, उसमें समानताएं हैं।'

और पढ़ें: मोदी के मंत्री अठावले ने जस्टिस गोयल को NGT अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की

(IANS इनपुटस के साथ)