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तमिलनाडु के जंगलों में लगी आग, नौ लोगों की मौत, राहत-बचाव कार्य में जुटी सेना

इस घटना में नौ लोगों की मौत हो गई है। सभी छात्रों को जंगल से सकुशल निकालने के लिए चार हेलीकॉप्टर और 16 कमांडो तैनात किए गए हैं।

Updated on: 12 Mar 2018, 01:36 PM

नई दिल्ली:

तमिलनाडु के थेनी जिले में कुरंगनी पहाड़ियों के जंगल में लगी आग में फंसे ट्रैकर्स को बचाकर उन्हें मैदानी इलाकों में पहुंचाने का प्रयास जारी है।

आग से 9 लोगों के मरने की खबर है।

सोमवार को जिला कलेक्टर पल्लवी बलदेव ने बताया कि राहत कार्य जारी है और बचाव दल के सदस्यों द्वारा ट्रैकर्स को बचाने के प्रयास चल रहे हैं।

उन्होंने बताया कि घायलों में से तीन को मदुराई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिन्हें मामूली चोटें आई हैं।

भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की कमांडो टीम खोज और बचाव कार्य में शामिल है।

आईएएफ कमांडो टीम रविवार देर रात कोयंबटूर के पास स्थित सुलुर हवाईअड्डे से उड़ान भरकर पहाड़ियों पर पहुंच गई है।

उल्लेखनीय है कि शनिवार रात थेनी जिला स्थित कुरंगनी की पहाड़ियों पर 25 महिलाओं, तीन बच्चों और आठ पुरुषों का समूह ट्रैकिंग के लिए पहुंचा था। वे रविवार को वापस आने वाले थे।

बताया जा रहा है कि सभी छात्र ट्रैकिंग के लिए गए थे जहां आग के बीच घिर गए। छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने वायुसेना को आदेश दिया था।

घटना को लेकर कमल हासन ने कहा है, 'जंगल में आग लगने की घटना हृदयविदारक है। इस घटना में घायल सभी लोगों के लिए प्रार्थना करता हूं कि वह जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।'

इस घटना पर केंद्रीय वित्त और नौवहन राज्य मंत्री पोन राधाकृष्णन ने ट्वीट कर आग में फंसे ट्रैकर्स की मौत पर दुख जताया है।

मंत्री ने कहा कि वह घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने बचाव कार्य में भारतीय वायु सेना दल की तैनाती के लिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को भी धन्यवाद दिया।

तमिलनाडु दमकल व राहत सेवा के अधिकारी के मुताबिक, सोमवार की दोपहर तक अभियान खत्म होने की संभावना है। पल्लवी बलदेव ने बताया कि राहत कार्य जारी है और बचाव दल के सदस्यों द्वारा ट्रैकर्स को नीचे लाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि घायलों को थेनी और मदुराई के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव जे.राधाकृष्णन ने बताया कि मदुरई अस्पताल में भर्ती छह लोग गंभीर रूप से जल गए हैं।

आईएएफ कमांडो टीम रविवार देर रात कोयंबटूर के पास स्थित सुलुर हवाईअड्डे से उड़ान भरकर पहाड़ियों पर पहुंची थी।

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