RBI ने रेपो रेट 6.25% से कम कर किया 6%, क्या अब लोन लेना होगा सस्ता?
देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई ने बुधवार को प्रमुख ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की। शीर्ष बैंक ने यह कदम कमजोर मुद्रास्फीति और मांग में आई गिरावट को देखते हुए उठाया है।
नई दिल्ली:
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को प्रमुख ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की। शीर्ष बैंक ने यह कदम कमजोर मुद्रास्फीति और मांग में आई गिरावट को देखते हुए उठाया है।
आरबीआई के वित्त वर्ष 2017-18 के तीसरे द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में वाणिज्यिक बैंकों के लिए रेपो रेट या अल्पकालिक ऋण दर को 6.25 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया है।
इसके साथ रिवर्स रेपो रेट या अल्पकालिक उधार दर को 6 फीसदी से घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया गया है।
रेपो दर में बदलाव का यह फैसला आरबीआई की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने किया है जिसके अध्यक्ष आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल हैं। समिति के चार सदस्यों ने ब्याज दरें घटाने के पक्ष में तथा बाकी के दो सदस्यों ने इसके विरोध में मतदान किया था।
छह सदस्यीय एमपीसी समिति में सरकार द्वारा नामित तीन सदस्य हैं और आरबीआई के तीन सदस्य है।
समिति की जून में की गई पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई ने ब्याज दरें यथावत रखी थी, लेकिन वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में कटौती की थी।
शीर्ष बैंक द्वारा लगातार चार मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद यह कटौती की गई है। पिछली बार यह कटौती साल 2016 के अक्टूबर में की गई थी। उस समय ने आरबीआई ने प्रमुख ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की थी।
और पढ़ें: यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर RBI ने लगाया 1 करोड़ रुपये का जुर्माना, KYC नियमों के उल्लंघन का आरोप
उद्योग संगठन के एसोचैम ने हाल ही में आरबीआई से ब्याज दरों में कटौती करने का आग्रह किया था। एसोचैम ने आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को एक पत्र लिखकर ब्याज दरों में कमी करने की मांग की है।
इससे ईएमआई में लंबे वक्त में अच्छा फायदा हो सकता है। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में जीवीए (ग्रोस वेल्यू एडेड) यानी ग्रोथ रेट को 2017-18 के लिए 7.3 प्रतिशत बताया है। आरबीआई ने यह इस्टीमेट देश की ग्रोथ रेट को वर्तमान में जारी ग्रोथ रेट के आधार पर जारी किया है।
अगर आज आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करता है तो 20 साल के लिए 30 लाख रुपये के होम लोन पर 2.28 लाख रुपये की कमी आ सकती है।
और पढ़ें: क्या घटेंगी ब्याज दरें? RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा कल
बता दें कि मोनेटरी पॉलिसी कमेटी में कुल 6 सदस्य थे जिसमें से 4 ने रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत तक कम करने के लिए वोट किया था। वहीं एक ने 0.50 प्रतिशत करने के लिए वोट दिया था और एक ने जस के तस रखने के लिए वोट किया था। ऐसे में बहुमत के हिसाब से 0.25 प्रतिशत को फाइनल डिसीजन माना गया।
आरबीआई ने यह फैसला प्राइवेट सेक्टर में इनवेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए किया है। इससे लोन सस्ते होंगे और हर महीने भरी जाने वाली ईएमआई में भी लंबे वक्त में बड़ा अंतर आएगा।
इससे आम आदमी से लेकर कंपनियों पर से कर्ज का बोज हल्का होगा। इस कटौती से राज्य और केंद्र सरकार को सबसे ज्यादा फायदा हो सकता है। क्योंकि राज्य और केंद्र सरकार ही ब्याज लेती हैं।
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Rang Panchami 2024: आज या कल कब है रंग पंचमी, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व जानिए
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें ये 5 बड़ी बातें
-
Surya Grahan 2024: सूर्य ग्रहण 2024 किन राशि वालों के लिए होगा लकी
-
Bhavishya Puran Predictions: भविष्य पुराण के अनुसार साल 2024 की बड़ी भविष्यवाणियां