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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, भारत की आत्मा विविधता और सहिष्णुता में है

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रायसीना हिल छोड़ने से पहले सोमवार को आखिरी बार राष्ट्र को संबोधित किया।

Updated on: 24 Jul 2017, 09:38 PM

नई दिल्ली:

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रायसीना हिल छोड़ने से पहले सोमवार को आखिरी बार राष्ट्र को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं लोगों के सहयोग से आभिभूत हूं और भारत के लोगों का ऋणी रहूंगा। उन्होंने नवनिर्वाचित रामनाथ कोविंद को बधाई दी।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'समाज को हिंसा से मुक्त होना चाहिए। केवल अहिंसक समाज ही सभी की सुरक्षा और लोकतंत्र को सुनिश्चित कर सकता है।'

उन्होंने कहा, 'भारत की आत्मा विविधता और सहिष्णुता में है। यह हमारी सभ्यता का हिस्सा रहा है।'

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की विदाई प्रक्रिया जारी है। रविवार को संसद भवन में प्रणब मुखर्जी को अंतिम विदाई दी गई। रामनाथ कोविंद बुधवार को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।

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प्रणब मुखर्जी ने कहा, मैं लोगों के सहयोग से आभिभूत हूं और भारत के लोगों का ऋणी रहूंगा

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