UP चुनाव 2017: अखिलेश-मुलायम के बीच नहीं बनी सहमति, 'साइकिल' के लिए अब होगी जंग
समाजवादी पार्टी में तख्तापलट के बाद पिता मुलायम और बेटे अखिलेश के बीच सुलह की कोशिशें नाकाम होती दिख रही हैं। पार्टी के नैशनल प्रेसिडेंट के हटाए जाने के बाद मुलायम और अखिलेश खेमे ने चुनाव आयोग में पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर अपनी दावेदारी ठोकी है।
highlights
- मुलायम के साथ सुलह की कोशिशें बेनतीजा रहने के बाद अखिलेश ने बुलाई विधायकों की बैठक
- 9 जनवरी को चुनाव आयोग ने सपा के दोनों खेमों से चुनाव चिह्न को लेकर बहुमत पेश करने को कहा है
New Delhi:
समाजवादी पार्टी में तख्तापलट के बाद पिता मुलायम और बेटे अखिलेश के बीच अब कोई समझौता नहीं होगा। दोनों खेमा अब अलग-अगल चुनाव लड़ेगा। पार्टी के नेशनल प्रेसिडेंट के हटाए जाने के बाद मुलायम और अखिलेश खेमे ने चुनाव आयोग में पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर अपनी दावेदारी ठोकी है। चुनाव आयोग ने दोनों धड़े से 9 जनवरी तक पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर अपनी दावेदारी साबित करने को कहा है। इस बीच मुलायम दिल्ली रवाना हो चुके हैं।
वहीं अखिलेश यादव ने लखनऊ में अपने सरकारी निवास 5 कालिदास मार्ग पर पार्टी के विधायकों, पार्षदों और पदाधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक में 221 विधायक और 60 विधान परिषद ने अखिलेश के समर्थन में एफिडेविट पर साइन किया। मुख्यमंत्री ने समर्थन में आये सभी विधायकों को टिकट को लेकर आश्वस्त किया है।
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पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग के किसी बड़े फैसले के पहले अखिलेश अपने भरोसेमंद सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श करना चाहते हैं। चुनाव चिह्न को लेकर आयोग ने दोनों खेमों से 9 जनवरी को अपना दावा पेश करने को कहा है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक दलों पर अपनी तैयारियों को अमलीजामा पहनाने और प्रत्याशियों की सूची जारी करने का दबाव बढ़ गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अंदर जारी संकट के बीच गुरुवार को पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है।
अखिलेश गुट के सूत्रों की मानें तो विधायकों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी और जल्द ही प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी की जाएगी।
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ज्ञात हो कि चुनाव आयोग द्वारा बुधवार को उप्र समेत पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान करने के बाद अखिलेश यादव बैठक में चुनावी रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं। हालांकि अभी सपा में जारी संकट का कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 11 फरवरी से लेकर 8 मार्च तक सात चरणों में होगा। चुनाव के नतीजे 11 मार्च को आएंगे।
सपा सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने लोगों से कह दिया है कि अब वह पूरी तरह चुनाव प्रचार में लग जाएं और किसी तरह के भ्रम में न रहें।
मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों व बड़े नेताओं की गुरुवार को बैठक बुलाई है। बैठक दोपहर को मुख्यमंत्री आवास पर होगी। इसमें अखिलेश पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से विधायकों को चुनावी तैयारियों के संबंध में निर्देश देंगे। हालांकि, अखिलेश यह भी थाह लेना चाहते हैं कि पार्टी के सभी विधायक और मंत्री उनके साथ खड़े हैं या नहीं।
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पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने बुधवार को मुलायम और अखिलेश के बीच सुलह कराने की कोशिश की थी लेकिन कोई बात नहीं बन पाई। मुलायम अखिलेश की शर्तें मानने को तैयार नहीं है। इससे पहले रामगोपाल यादव की तरफ से बुलाए गए पार्टी के अधिवेशन में मुलायम सिंह को पार्टी के नैशनल प्रेसिडेंट से हटाकर मार्गदर्शक मंडल में भेज दिया गया था वहीं शिवपाल यादव को उत्तर प्रदेश प्रेसिडेंट के पदे से बर्खास्त कर दिया गया था।
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