logo-image

मक्का मस्जिद ब्लास्ट: सबूतों के अभाव में असीमानंद समेत सभी 5 आरोपी बरी, ओवैसी ने उठाए सवाल

हैदराबाद में 11 साल पहले 18 मई 2007 को हुए मक्का मस्जिद हमले के मामले में सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने सुनाया फैसला।

Updated on: 16 Apr 2018, 02:07 PM

highlights

  • 18 मई 2007 को हैदराबाद के मक्का मस्जिद पर हुआ था हमला
  • इस हमले में दक्षिणपंथी संगठनों के 10 लोग आरोपी थे
  • हमले में 9 लोग मारे गए थे और 60 के करीब घायल हुए थे

हैदराबाद:

हैदराबाद में 11 साल पहले 18 मई 2007 को हुए मक्का मस्जिद हमले के मामले में सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

मामले में मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।

नामपल्ली में एनआईए की विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद सोमवार को फैसला सुनाया। इस मामले में 10 आरोपियों में से 5 की हमले में संलिप्तता पर फैसला सुनाया गया।

कोर्ट के फैसले पर एनआईए ने कहा, 'हम फैसले की एक कॉपी देखने के बाद उसकी जांच करेंगे और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई पर निर्णय किया जाएगा।'

LIVE अपडेट्स:

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 'बीजेपी कोर्ट के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करेगी। हम भारतीय न्यायपालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल नहीं करते हैं। यह स्वतंत्र संस्था है। 2जी फैसले पर कांग्रेस के लिए कोर्ट सही था लेकिन आज उसे गलत बता रही है।'

# एनआईए को बहरा और अंधा तोता बताते हुए ओवैसी ने कहा, एनआईए और मोदी सरकार ने आरोपी को जमानत दिए जाने के बाद 90 दिनों के अंदर अपील भी नहीं की थी। यह आंतक से लड़ने के खिलाफ हमारे संकल्प को कमजोर करेगा।

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, जून 2014 के बाद से अधिकतर गवाह पलट गए। एनआईए ने मामले की कार्रवाई को आशा के अनुरूप आगे नहीं बढ़ाई या राजनीतिक मास्टर्स के द्वारा नहीं करने दिया गया। अगर इस तरह के पक्षपात लगातार होते रहे तो न्याय नहीं मिल पाएगा।

# फैसले पर कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, 'यह सरकार पर है कि फैसले की जांच करे और अगर आगे अपील की जरूरत हो तो निर्णय ले। न्यायिक मामला होने के कारण मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।'

आरवीएस मणि ने कहा, 'जिन लोगों ने हमले को अंजाम दिया उन्हें एनआईए का दुरुपयोग कर बचाया गया, ऐसा ही लग रहा है। जो पीड़ित हुए और जिनकी छवि खराब हुई उन्हें कैसे हर्जाना दिया जाएगा। क्या कांग्रेस या कोई और जिन्होंने इसे प्रचारित किया, वो हर्जाना देंगे?'

# कोर्ट के फैसले पर गृह मंत्रालय के पूर्व अवर सचिव आरवीएस मणि ने कहा, 'मैंने ऐसे फैसले की आशा की थी। सभी प्रमाण मनगढ़ंत थे नहीं तो इसमें कोई हिंदू आतंक का एंगल नहीं था।'

इससे पहले भी अजमेर बलास्ट में असीमानंद को बरी कर दिया गया था।

हैदराबाद के ऐतिहासिक चारमीनार के पास स्थित मक्का मस्जिद पर शुक्रवार (जुम्मा) के दिन हमला हुआ था, जिसमें 58 लोग घायल हुए थे।

एनआईए ने 2011 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से इस केस को अपने हाथ में लिया था जिसके बाद हिंदूवादी संगठनों के 10 लोगों के नाम आरोपी के रूप में दर्ज किए गए थे।

हालांकि इसमें पांच लोगों को ही गिरफ्तार किया गया और उन पर सुनवाई हुई। गिरफ्तार आरोपियों में देवेन्द्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, स्वामी असीमानंद, भारत मोहनलाल रतेश्वर और राजेंद्र चौधरी शामिल हैं।

दो अन्य आरोपी संदीप वी डांगे और रामचंद्र कालसांगरा फरार हो गए और मध्य प्रदेश के एक अन्य आरोपी सुनील जोशी की हत्या कर दी गई थी।

और पढ़ें: दिल्ली: रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप में लगी आग, 228 लोग प्रभावित