logo-image

जल्लीकट्टू पर अध्यादेश लाएगी केंद्र सरकार, कानून मंत्रालय ने दी मंजूरी

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू खेल के पक्ष में लगातार आंदोलन हो रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने जल्लीकट्टू पर अध्यादेश लाने का फैसला किया है।

Updated on: 20 Jan 2017, 10:24 PM

highlights

  • जल्लीकट्टू पर केंद्र सरकार ने अध्यादेश को दी मंजूरी, राष्ट्रपति के पास भेजा गया प्रस्ताव
  • जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध के खिलाफ तमिलनाडु में प्रदर्शन जारी

नई दिल्ली:

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू खेल के पक्ष में लगातार आंदोलन हो रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने जल्लीकट्टू पर अध्यादेश लाने का फैसला किया है। केंद्रीय कानून, पर्यावरण और संस्कृति मंत्रालय ने शुक्रवार को कुछ बदलाव के साथ अध्यादेश को मंजूर दी। अध्यादेश पर मंजूरी से पहले कानून मंत्रालय ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से राय ली है।

एक अधिकारी ने कहा कि तमिलनाडु सरकार द्वारा भेजे गए मसौदा अध्यादेश को कानून मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने इसकी स्वीकृति दे दी।

इससे पहले दिन में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने कहा था कि उनकी सरकार जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए एक अध्यादेश जारी करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के कुछ प्रावधानों के संशोधन का एक मसौदा तैयार किया है और इसे शुक्रवार सुबह केंद्र सरकार को भेज दिया गया।

केंद्रीय गृह मंत्रालय अब इस मसौदे को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास भेजेगा, जिनकी मंजूरी के बाद उसे तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव के पास भेज दिया जाएगा।

राज्यपाल की मंजूरी के साथ ही अध्यादेश लागू हो जाएगा और राज्य में जल्लीकट्टू का आयोजन कराया जा सकेगा।

तमिलनाडु सरकार का कहना है कि जल्लीकट्टू संस्कृति का हिस्सा है। इस खेल का आयोजन पोंगल और फसलों की कटाई के दौरान होता है। दूसरी तरफ जानवरों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस खेल में सांडों को प्रताड़ित किया जाता है।

राज्य के कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों के साथ ही छात्रों ने जल्लीकट्टू प्रतिबंध के खिलाफ शुक्रवार को तमिलनाडु बंद बुलाया। राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी डीएमके ने रोल रोको आंदोलन कर रही है।

चेन्नई के मरीना बीच पर हजारों की संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच जल्लीकट्टू के समर्थन में राज्य के कारोबारियों, दफ्तरों, स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का फैसला लिया गया है।

तमिलनाडु ही नहीं बल्कि कर्नाटक दिल्ली, श्रीलंका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया में भी प्रदर्शन हो रहे हैं सुपरस्टार रजनीकांत, कमल हासन, ए आर रहमान, विश्वनाथन आनंद और श्री श्री रविशंकर के जल्लीकट्टू में समर्थन आने के बाद प्रदर्शन ज्यादा तेज हो गया है।

दरअसल जानवरों की सुरक्षा करने वाली संस्था पेटा जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद कोर्ट ने 2014 में इस खेल पर पाबंदी लगाने का फैसला सुनाया था।

और पढ़ें: क्या है जल्लीकट्टू? क्या इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने किया था इसे बैन?

जल्‍लीकट्टू तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों का एक परंपरागत खेल है जो पोंगल त्यौहार पर आयोजित कराया जाता है और जिसमे बैलों से इंसानों की लड़ाई कराई जाती है।