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सृजन घोटाला: लालू ने पूछा, रिपोर्ट दबाकर किसे फायदा पहुंचा रहे हैं नीतीश, DM के तबादले पर उठाए सवाल

राष्ट्रीय जनता दल (सुप्रीमो) सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक बार फिर से निशाना साधा है।

Updated on: 20 Aug 2017, 05:28 PM

highlights

  • सृजन घोटाले को लेकर लालू यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा
  • लालू ने पूछा, घोटाले की रिपोर्ट दबाकर किसे फायदा पहुंचा रहे नीतीश

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय जनता दल (सुप्रीमो) सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक बार फिर से निशाना साधा है।

भागलपुर के सृजन घोटाले को लकेर लालू ने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने जानबूझकर इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।

उन्होंने कहा, '9 सितंबर 2013 को रिज़र्व बैंक ने बिहार सरकार को पत्र लिखकर 'सृजन समिति' में हो रहे घोटाले और वितीय अनियमितता की जांच करने को कहा था। रिज़र्व बैंक ने को-ऑपरेटिव रजिस्ट्रार को भी कार्रवाई करने को कहा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की। मुख्यमंत्री ने रिजर्व बैंक के सन्देह को भी दरकिनार करते हुए लगातार घोटालेबाजों का सहयोग किया।'

लालू ने कहा कि एक सीए ने बहुत पहले ही इस घोटाले की जानकारी दी थी, लेकिन नीतीश कुमार ने इस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की।

नीतीश कुमार पर घोटाले को दबाने का आरोप लगाते हुए लालू ने कहा कि 2013 में जिले के तत्कालीन डीएम ने सृजन मामले की जांच का आदेश दिया था, लेकिन आज तक इस मामले की रिपोर्ट नहीं आई है।'

नीतीश कुमार और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी को घोटाले का जिम्मेदार ठहराते हुए लालू ने पूछा, 'आखिरकार सृजन घोटाले की जांच का आदेश देने वाले इस डीएम का तबादला क्यों किया गया और इस रिपोर्ट को दबाकर किसे फायदा पहुंचाया गया।'

हालांकि नीतीश कुमार इस मामले का भंडाफोड़ होने के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश कर चुके हैं।

भागलपुर सृजन घोटाला: सीएम नीतीश कुमार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की

क्या है मामला?

भागलपुर में एक स्वयंसेवी संस्था (एनजीओ) सृजन महिला विकास सहयोग समिति के बैंक खाते में सरकारी योजनाओं के पैसे रखे जाते थे, जिसका उपयोग संस्था द्वारा अपने व्यक्तिगत कार्यो में किया जाता था।

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू यादव ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को घोटाले के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

पुलिस सूत्रों का दावा है कि यह गोरखधंधा वर्ष 2009 से ही चल रहा था। तब सुशील कुमार मोदी बिहार में वित्त मंत्री थे।

गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के मामल में पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नामजद होने की वजह से नीतीश कुमार ने महागठबंधन से खुद को अलग कर लिया था। इसके बाद से आरजेडी लगातार 'सृजन घोटाले' को लेकर नीतीश कुमार पर हमला कर रही है।

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