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AIIMS से रांची भेजे गए लालू, अस्पताल में समर्थकों का हंगामा - राहुल से मुलाकात पर शाह ने उठाए सवाल

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद को सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से रिम्स (रांची मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल) वापस भेज दिया गया।

Updated on: 01 May 2018, 08:42 AM

highlights

  • AIIMS से वापस रांची भेजे गए लालू प्रसाद, लगाया सियासी साजिश का आरोप
  • एम्स में राहुल गांधी के साथ लालू की मुलाकात पर बीजेपी प्रेसिडेंट शाह ने साधा निशाना

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद को सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से रिम्स (रांची मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल) वापस भेज दिया गया। 

लालू को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद एम्स से छुट्टी दे दी गई। उनका एम्स में दिल व गुर्दे से जुड़ी बीमारी का इलाज चल रहा था।

अस्पताल से छुट्टी किए जाने के बाद लालू समर्थकों ने अस्पताल में तोड़फोड़ कर दी। एम्स प्रशासन ने इसे लेकर दिल्ली पुलिस को शिकायत दर्ज कराई है।

वहीं एम्स के अधिकारियों के इस फैसले पर लालू ने नाराजगी भरी प्रतिक्रिया जाहिर की। लालू ने चिकित्सकों से राजनीतिक दबाव के तहत उनके जीवन को खतरे में नहीं डालने को कहा।

एम्स से छुट्टी दिए जाने के बाद राजद नेता ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें स्थानांतरित कर रांची अस्पताल भेजना एक साजिश है, ताकि उनका आगे स्वास्थ्य बिगड़ जाए।

लालू प्रसाद ने कहा, 'मुझे एक ऐसी जगह स्थानांतरित किया जा रहा है, जहां कोई सुविधा नहीं है। यह एक मुश्किल समय है, लेकिन मैं इसका सामना करूंगा।'

हालांकि, एम्स के प्रवक्ता बी एन आचार्य ने कहा कि यह फैसला इलाज के लिए गठित चिकित्सा बोर्ड की सिफारिश के बाद लिया गया है। बोर्ड ने उनके स्वास्थ्य में विशेष सुधार पाया।

आचार्य ने एक बयान में कहा, 'लालू प्रसाद को रांची मेडिकल कॉलेज से उनके खराब स्वास्थ्य को संभालने के लिए रेफर किया गया था। उनमें विशेष रूप से सुधार हुआ और उनके इलाज के लिए गठित चिकित्सा बोर्ड की सलाह के मुताबिक, उनके पुराने मामलों के लिए उन्हें फिर से वापस रांची मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है। वर्तमान में उनका स्वास्थ्य बेहतर है और वह यात्रा करने में समर्थ हैं।'

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया को लिखे एक पत्र में कहा है, 'अगर मुझे एम्स से रांची मेडिकल कॉलेज भेजा जाता है तो मेरे जीवन को किसी प्रकार की हानि होने पर पूरी जिम्मेदारी आप सभी की होगी।'

लालू प्रसाद को एम्स में 29 मार्च को भर्ती कराया गया था।

उन्होंने कहा, 'चिकित्सक को भगवान माना जाता है। उन्हें किसी व्यक्ति या राजनीतिक पार्टी के दबाव के तहत कोई फैसला नहीं लेना चाहिए। उनका पहला कर्तव्य मरीज के स्वास्थ्य की पूरी बहाली है। मेरे पूरी तरह से स्वस्थ होने तक मुझे यहां इलाज के लिए रखा जाना चाहिए।'

इससे पहले राहुल गांधी ने दिन में लालू प्रसाद से एम्स में आधा घंटे तक मुलाकात की थी।

एम्स के छह चिकित्सकों का एक दल उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रहा है। इसमें शल्य चिकित्सा, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी व न्यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सक शामिल हैं।

अपने पत्र में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते महीने दिल की बीमारी व गुर्दे के संक्रमण व मधुमेह व अन्य बीमारियों के इलाज के लिए एम्स में लाया गया था और उन्हें अभी पूरी तरह से स्वस्थ्य होना है।

उन्होंने कहा कि उन्हें पीठ दर्द, अक्सर चक्कर आने की शिकायत है और वह कई बार बॉथरूम में गिर गए हैं।

लालू ने लगाया राजनीतिक साजिश का आरोप

लालू प्रसाद ने कहा कि गुर्दे से जुड़ी बीमारी के व्यापक इलाज की सुविधा बिरसा मुंडा जेल रांची व रांची मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (रिम्स का पुराना नाम) में उपलब्ध नहीं है।
उन्होंने कहा, 'हर नागरिक को अपनी संतुष्टि के अनुसार पूरा इलाज पाने का मौलिक अधिकार है।'

उन्होंने कहा, 'मैं नहीं जानता कि किस एजेंसी या राजनीतिक दबाव के तहत अचानक से मुझे यहां से स्थानांतरित करने का फैसला किया जा रहा है।'

उन्होंने कहा कि उन्हें दिल्ली से रांची की यात्रा करने में 16 घंटे का समय लगेगा।

लालू को बिरसा मुंडा जेल में रहने के दौरान स्वास्थ्य संबंधी शिकायत पर 17 मार्च को रिम्स में भर्ती कराया गया था। लालू चारा घोटाला से जुड़े मामले में 23 दिसंबर, 2017 से जेल की सजा काट रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री 2013 से चारा घोटाले के चार मामलों में दोषी करार दिए गए हैं। हालिया, दुमका कोषागार मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें 14 साल जेल की सजा सुनाई है।

शाह ने लालू-राहुल की मुलाकात पर साधा निशाना

कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रेसिडेंट अमित शाह ने एम्स में राहुल गांधी और लालू प्रसाद की मुलाकात को लेकर गंभीर सवाल उठाए।

शाह ने कहा कि राहुल गांधी ने यूपीए के शासनकाल के दौरान उस अध्यादेश को फाड़कर फेंक दिया था, जो लालू यादव को बचा सकता था लेकिन अब लगता है कि कांग्रेस को लालू यादव की जरूरत महसूस होने लगी है।

शाह ने कहा, 'यूपीए के दौरान राहुल गांधी ने उस अध्यादेश को फाड़ दिया था जो चारा घोटाले के सजायाफ्ता लालू यादव को बचा सकता था। अब 2019 के करीब आने के साथ ही ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस लालू जी के सहयोग के बिना नहीं जीत सकती और आज उन्होंने (राहुल गांधी) लालू जी से (एम्स में) मुलाकात की।'

शाह ने कहा, 'अध्यादेश को फाड़कर फेंकने वाले राहुल गांधी ने आज लालू जी से मुलाकात की और उन्हें गले लगाया। ऐसे दिखावटी लोग राज्य में भ्रष्चाटार रहित सरकार नहीं दे सकते।'

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