रांची : लालू यादव की आजादी खत्म, पहुंचे बिरसा मुंडा जेल
चारा घोटाला मामले में जेल की सजा काट रहे आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव आज यानी गुरुवार को रांची में सीबीआई की विषय अदालत के सामने सरेंडर करेंगे।
नई दिल्ली:
चारा घोटाला मामले में जेल की सजा काट रहे आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव आज यानी गुरुवार को रांची में सीबीआई की विशेष अदालत के सामने सरेंडर कर दिया है। इसके बाद लालू प्रसाद यादव सीधे बिरसा मुंडा जेल पहुंचे। यहां से उन्हें इलाज के लिए रिम्स भर्ती कराया जाएगा। वहीं, लालू यादव के वकील प्रभात कुमार ने लालू के सरेंडर की जानकारी देते हुए कहा,'एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉक्टर उनकी जांच करेंगे और फिर अदालत को उनकी हालत के बारे में सूचित करेंगे।'
Doctors of Asian Heart Institute (Mumbai) will do a check up of Lalu Prasad Yadav and then inform Court about his condition: Prabhat Kumar, Yadav's Lawyer after Yadav surrendered before Court earlier today. pic.twitter.com/Ob3enmpHCL
— ANI (@ANI) August 30, 2018
आरजेडी चीफ मेडिकल ग्राउंड पर पेरोल पर बाहर हैं। मुंबई एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में इलाज करा रहे थे। लालू यादव सरेंडर करने से पहले रांची में झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) चीफ बाबूलाल मरांडी से मुलाकात की।
Jharkhand Vikas Morcha chief Babu Lal Marandi met Lalu Prasad Yadav in Ranchi. Yadav has been ordered to surrender today by HC in connection with fodder scam pic.twitter.com/b0l9ihuwLN
— ANI (@ANI) August 30, 2018
बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट ने लालू प्रसाद यादव की जमानत बढ़ाने से इंकार कर दिया था। लालू यादव के वकील ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमात अवधि को तीन महीने बढ़ाने का आग्रह किया था।
झारखंड हाई कोर्ट ने लालू यादव को इलाज के लिए 11 मई को छह सप्ताह की अस्थाई जमानत दी थी। लालू यादव को बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की शादी में शामिल होने के लिए भी तीन दिन की पैरोल भी मिली थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने पेरोल बढ़ाते हुए 30 जुलाई तक कर दी थी।
गौरतलब है कि लालू यादव चारा घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद 23 दिसंबर, 2017 से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद थे। लालू को 2013 के बाद चारा घोटाले के चार मामलों में दोषी करार दिया गया है। दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें 14 साल कारावास की सजा सुनाई थी।
करोड़ों रुपये का चारा घोटाला लालू यादव के बिहार के मुख्यमंत्री रहने के दौरान 1990 के दशक में सामने आया था। पटना हाई कोर्ट के निर्देश पर जांच को केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपा गया था।
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