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GST बिल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में पेश किया, एक जुलाई से लागू कराने की है तैयारी

सरकार आज लोकसभा में जीएसटी बिलों को एप्रुवल के लिए पेश कर सकती है।

Updated on: 20 Jun 2017, 11:19 PM

highlights

  • लोकसभा में जीएसटी बिल हुआ पेश
  • 1 जुलाई से जीएसटी लागू कराने के लिए लोकसभा में पास होना ज़रुरी 
  • सरकार की कोशिश 12 अप्रैल तक चलने वाले संसद सत्र में ही पास हो जीएसटी बिल

नई दिल्ली:

तमाम इंतजार और कयासों के बीच सोमवार को जीएसटी बिल लोकसभा में पेश हो गया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी से जुड़े सभी 4 बिल मुआवजा कानून, सी-जीएसटी, आई-जीएसटी, यूटी-जीएसटी लोकसभा में पेश किए।

इन बिलों पर 28-29 मार्च को चर्चा हो सकती है। 1 जुलाई से देश में जीएसटी लागू करने की सरकार की कोशिश में यह एक अह्म पड़ाव है। सरकार 29 से 30 मार्च तक लोकसभा में जीएसटी बिल पास करवाना चाहती है। संसद में जारी बजट सत्र के दौरान सरकार की पूरी कोशिश जीएसटी बिल को पास कराने की है।

इससे पहले 20 मार्च को कैबिनेट बैठक ने जीएसटी से जुड़े इन बिलों को मंज़ूरी दे दी थी। इसके बाद इन बिलों को लोकसभा से पारित होने के बाद कानून का रुप लेने के लिए राज्यसभा से भी पास होना होगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, केंद्र शासित प्रदेश और राज्य के जीएसटी कानून को मिली मंजूरी

सरकार की कोशिश इन बिलों को 12 अप्रैल तक जारी संसद सत्र के दौरान ही पास कराने की है।

इन चारों बिलों पर एक साथ चर्चा होगी। इन चार विधेयकों के एक बार संसद से पारित होने के बाद, राज्य विधानसभाओं में राज्य-जीएसटी (SGST) पर चर्चा शुरू हो सकेगी।

SGST का सभी राज्य विधानसभाओं से पास होना जरूरी है वहीं, अन्य चार बिलों को संसद के दोनों सदनों से पारित होना है। इसके बाद देश भर एक ही टैक्स रेट लागू होगी। इसके लिए सरकार पहले ही 5,12,18 और 28 प्रतिशत टैक्स के 4 टैक्स लैब बना चुकी है।

क्या है जीएसटी

GST यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स देश का पहला सबसे बड़ा कर सुधार कदम माना जा रहा है। इसके लागू होने से अब तक लगने वाले तमाम तरह के अलग-अलग कर ख़त्म हो जाएंगे और सिर्फ जीएसटी कर लागू होना है।

जीएसटी लागू होने से चुंगी टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, राज्य स्तर के सेल्स टैक्स, या वैट, एंट्री टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलीकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री पर लगने वाले टैक्स, और सामान के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स ख़त्म हो जाएंगे।

इसके लागू होने से देश भर में सामान की कीमत एक ही रहेगी और कालाबाज़ारी पर रोक लगेगी।

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