हेलिकॉप्टर से छिड़काव कर कैसे कम होगा प्रदूषण? चीन समेत इन देशों ने ऐसे किया है बचाव
चीन ने करवाईं कृत्रिम बारिश तो जर्मनी ने लगाया कारों पर प्रतिबंध... जानें प्रदूषण से निपटने के लिए इन देशों ने क्या किए उपाय।
नई दिल्ली:
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार 'ऑड-ईवन फॉर्मूले' के अलावा हेलिकॉप्टर से कृत्रिम बारिश कराने के विकल्प पर भी ध्यान दे रही है। अगर सरकार हेलिकॉप्टर से कृत्रिम बारिश कराती है तो भारत में ऐसा पहली बार होगा जब प्रदूषण से निपटने के लिए इस विकल्प का इस्तेमाल किया गया हो।
हालांकि जंगल में लगी आग बुझाने के लिए इस विकल्प का इस्तेमाल किया जाता रहा है। प्रदूषण से निजात दिलाने की पहली कोशिश के तौर पर दिल्ली सरकार ने 13-17 नवंबर तक 'ऑड-ईवन फॉर्मूला' लागू करने का ऐलान कर दिया है।
इसी के साथ यह तीसरी बार होगा जब दिल्ली सरकार इस फॉर्मूले को लागू करेगी। प्रदूषण की समस्या सिर्फ भारत ही नहीं झेल रहा यह समस्या कई देशों में है और समय-समय पर इन देशों ने इससे निपटने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए है।
चीन ने लिया कृत्रिम बारिश का सहारा
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीन दौरे के समय चीनी सरकार ने आसमान में छाई धुंध और प्रदूषण की स्थिति पर लगाम लगाने के लिए युद्द स्तर पर प्रयास किए और आपातकालीन तरीके अपना कर एक रात में ही धूल के कण आसमान से हटवा दिए।
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चीन ने एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल कर पानी की बौछार से आसमान पर छाई धूल की मोटी परत हटावा दी थी। चीन साल 2014 में भी शहरों से धुंध हटाने के लिए युद्धस्तर प्रयास कर चुका है और इस वक्त भी चीन ने कृत्रिम बारिश का इस्तेमाल किया था।
पेरिस ने लगाया कारों पर नियंत्रण
पेरिस भी वायु प्रदूषण का शिकार रह चुका है। फ्रांस के पेरिस में भी प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए ऑड-ईवन तरीके का इस्तेमाल किया गया था साथ ही सार्वजनिक वाहनों को मुफ्त करना और कार-पूलिंग जैसे विकल्पों को अपनाने पर ज़ोर दिया था।
जर्मनी ने सार्वजनिक परिवहन बेहतर किया
जर्मनी में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सार्वजनिक वाहन 'ट्राम' के नेटवर्क को बढ़ाया गया। इसके अलावा कई योजनाएं लागूं की गईं जैसे बिना कार के रहने पर लोगों को सस्ते घर मुहैया कराना, मुफ्त सार्वजनिक वाहन के साथ ही साइकिलों के लिए अलग जगह दी गई।
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स्विटज़रलैंड ने हटाईं पार्किंग की जगह
स्विट्ज़रलैंड का खुबसूरत शहर ज्यूरिख़ भी प्रदूषण का शिकार रहा है। यहां प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने पार्किंग की जगहें ही कम कर दीं थी। इससे लोगों को परेशानी हुई और वो कार लेकर निकलने से बचने लगे।
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