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बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ समन जारी, पुलिस हलफनामे में नन के साथ रेप की पुष्टि

केरल नन रेप मामले में पुलिस द्वारा दाखिल हलफनामे में दावा किया गया है कि बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने नन के साथ कई बार रेप किया है।

Updated on: 12 Sep 2018, 06:00 PM

नई दिल्ली:

केरल नन रेप केस में बिशप फ्रैंको पर कानूनी शिकंजा कसता हुआ नज़र आ रहा है। पुलिस द्वारा दाखिल हलफनामे में दावा किया गया है कि बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने नन के साथ कई बार रेप किया है। 10 अगस्त 2018 को केरल हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया गया था। पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि अब तक जांच के इकट्ठे किये गए सबूत से यह बात सामने आई है कि आरोपी बिशप फ्रैंको ने कई बार दुष्कर्म किया है। हलफनामे के साथ मेडिकल रिपोर्ट पेश की गयी जिसमें नन के साथ रेप की पुष्टि की गई है। पीड़ित नन ने वेटिकन के प्रतिनिधि जियामबटिस्टा दिक्वात्रो को पत्र लिख इस मामले की जांच करने और बिशप को पद से हटाने की गुहार लगाई है।  नन का आरोप है कि बिशप ने 2014 से 2016 के दौरान उसके साथ कई बार रेप किया। केरल पुलिस ने बिशप फ्रांको मुलक्कल के खिलाफ सामान जारी किया है। बिशप को 19 सितम्बर को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है।

केरल के आईजी विजय सकरे ने कहा, '19 सितंबर को  बिशप फ्रांको को पेश होने के लिए कहा गया है। इस मामले में बहुत सारे विरोधाभास हैं। यह मुख्य रूप से मौखिक साक्ष्य पर आधारित एक पुराना मामला है। हमने कई विरोधाभासों की पुष्टि की है। पीड़ित गवाहों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।'

केरल सरकार के मंत्री ईपी जयराजन ने कहा, 'सरकार पीड़िता के साथ है। पीड़िता को परेशान होने की जरूरत नहीं है। आरोपियों पर सबूत के साथ पुलिस कार्रवाई करेगी।'

गौरतलब है कि कैथोलिक ननों के एक समूह ने बिशप द्वारा कथित रूप से एक नन का यौन उत्पीड़न करने के मामले में रविवार को अपराध शाखा की जांच का विरोध किया। समूह की एक सदस्य ने मीडिया से कहा, 'हमने सुना है कि अपराध शाखा की जांच को लेकर योजना बनाई जा रही है। यह केवल कानूनी कार्रवाई में देरी करने के लिए है। हम वर्तमान पुलिस जांच से खुश हैं। उच्च अधिकारी नहीं चाहते हैं कि हमें न्याय मिले।'

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कोट्टायम में शनिवार को एक कैथोलिक कॉन्वेंट से जुड़ी ननों ने, जहां से पीड़ित भी जुड़ी हुई थी, यहां 'ज्वाइंट क्रिश्चयन काउंसिल' द्वारा शुरू एक अनिश्चतकालीन अनशन में शामिल हुईं, ताकि राज्य सरकार पर रोमन कैथोलिक सभा के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलाक्कल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दबाव डाल सके।